जीवन के कुछ पहलू

by Aru1992 on July 12, 2013, 11:17:13 PM
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Aru1992
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अंजाम क्या होगा किसी राह पर चलने का,
शायद कही अच्छा या कही बुरा ही होगा...
हम सोचते रहे बस यही क्या हो सकेगा काज पूरा,
क्या करे क्या न करे ये सोच वक्त बर्बाद न करना...
अच्छा  तो यही होगा इक काज को पूरा किया जाये...
हर काज को होता हे कोई न कोई समय अच्छा...
पर मे कहु तो अच्छे काज से ही होगा समय अच्छा...
समय की बेला होती हे अतिशुभ यदि बनाया उसे जाये...
आग भी होती हे अच्छी यदि अच्छाइयो मे लगाई जाये...
व्यक्ति भी बुरा बन गया बुरे विचारो की आग मे...
क्यू न कुछ वक्त सदाचार को निकाला जाये...
हर कड़ी जुड़ी इक दूजे से तो जंजीर बन गयी...
वरना क्या औकात इक कड़ी की हाथी को बांध पाये...
तिनका तिनका ही तो जोड़ा था हमने लगन से...
अंजाम यह निकला रहने को छत मिल गयी हमको...
कतरा कतरा जोड़कर हर काज होता हे...
क्षण क्षण को बचाया तो समय बचता हे....
कुछ वक्त को बनाकर अच्छा जीवन बदलता हे...
माना मीट सकती नही सब बुराइया कुछ पल मे...
पर हर पल मे कुछ को तो मिटा सकते हे....
ज़िंदगी होती नहीं इक जेसी हर पल खुसियों से लदी...
पर खुसनुमा पल को और खुसनुमा क्यू न बनाया जाये....
दो व्यक्ति कभी झगड़ते नहीं कभी इक साथ रहकर...
यदि इक भी उनमे से मोन का अर्थ समझ जाये...
सुनते हे हम सब अछाइयों को हर किसी से...
अपनाकर क्यू न आज इनको जीवन मे...
मायूस सी ज़िंदगी को यादगार बनाया जाये....
@ru
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Sapna Pandit
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«Reply #1 on: July 12, 2013, 11:34:54 PM »
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good
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #2 on: July 12, 2013, 11:37:38 PM »
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बहुत खूब
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marhoom bahayaat
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«Reply #3 on: July 13, 2013, 12:54:51 AM »
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अंजाम क्या होगा किसी राह पर चलने का,
शायद कही अच्छा या कही बुरा ही होगा...
हम सोचते रहे बस यही क्या हो सकेगा काज पूरा,
क्या करे क्या न करे ये सोच वक्त बर्बाद न करना...
अच्छा  तो यही होगा इक काज को पूरा किया जाये...
हर काज को होता हे कोई न कोई समय अच्छा...
पर मे कहु तो अच्छे काज से ही होगा समय अच्छा...
समय की बेला होती हे अतिशुभ यदि बनाया उसे जाये...
आग भी होती हे अच्छी यदि अच्छाइयो मे लगाई जाये...
व्यक्ति भी बुरा बन गया बुरे विचारो की आग मे...
क्यू न कुछ वक्त सदाचार को निकाला जाये...
हर कड़ी जुड़ी इक दूजे से तो जंजीर बन गयी...
वरना क्या औकात इक कड़ी की हाथी को बांध पाये...
तिनका तिनका ही तो जोड़ा था हमने लगन से...
अंजाम यह निकला रहने को छत मिल गयी हमको...
कतरा कतरा जोड़कर हर काज होता हे...
क्षण क्षण को बचाया तो समय बचता हे....
कुछ वक्त को बनाकर अच्छा जीवन बदलता हे...
माना मीट सकती नही सब बुराइया कुछ पल मे...
पर हर पल मे कुछ को तो मिटा सकते हे....
ज़िंदगी होती नहीं इक जेसी हर पल खुसियों से लदी...
पर खुसनुमा पल को और खुसनुमा क्यू न बनाया जाये....
दो व्यक्ति कभी झगड़ते नहीं कभी इक साथ रहकर...
यदि इक भी उनमे से मोन का अर्थ समझ जाये...
सुनते हे हम सब अछाइयों को हर किसी से...
अपनाकर क्यू न आज इनको जीवन मे...
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«Reply #4 on: July 13, 2013, 09:59:09 AM »
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Aru1992
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«Reply #5 on: July 13, 2013, 01:47:01 PM »
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thanx SAPNA JI...RAVINDRA JI..SAINI SIR...and all....
aapke protshan se me aur achha likhne ki kosis krunga... thanx a lot..
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aqsh
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«Reply #6 on: July 13, 2013, 11:43:58 PM »
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achche khayal hai.. dheron daad..
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