पहचान छुपाते क्यूँ हैं

by bekarar on March 27, 2012, 05:46:37 PM
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bekarar
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it's an old creation again posting it after editing it again,


सर झुकाए लोग, रास्ते से गुजर जाते क्यूँ हैं
भले हैं लोग तो, पहचान छुपाते क्यूँ हैं,

गुनाहगार ही ज़्यादा हैं, तेरे तलबगार भी बड़े,
अब मैं समझा कि, मंदीरों मे लोग जाते क्यूँ हैं,

रुसवाइयां मिली और लड़खड़ाए उम्र भर,
राह-ए-इश्क़ पे लोग चले जाते क्यूँ हैं

सहोगे जुल्मो-सितम, पर उफ़ भी ना कहोगे
फिर ना कहना लोग, कमज़ोर को सताते क्यूँ हैं,

साए से लगे रहे थे, मेरे अच्छे दीनो मे जो,
अब वोही लोग मुझसे, कतराते क्यूँ हैं,

झुलसी हथेली देखी, सबने नसीहतें की
पराए घरों की आग मे हाथ जलाते क्यूँ हैं,

दिनभर रहे नफ़रत इन्हे साक़ि-शराब से,
दिन ढले सफ़ेदपोश, मैखाने आते क्यूँ हैं,

शेरों को मेरे जो बकवास कह गये हैं,
सुखनवर नामी, मेरी बज्म मे आते क्यूँ हैं,

तन्हाई की नुमाइश, बुनियाद इश्क़ की
गमों से भी लोग फ़ायदा उठाते क्यूँ है,

दुश्मनी मे बदल जाएगी बरसों की दोस्ती,
जानते हुए भी बेकरार, सच बताते क्यूँ हैं,
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nadaan ummidien
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«Reply #1 on: March 27, 2012, 06:04:19 PM »
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 shukriya bekarar ji,aisi rachna padhane k liye:clap: Applause Applause Applause Applause Applause Applause
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@Heer@
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«Reply #2 on: March 27, 2012, 07:33:06 PM »
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bahot achi peshkash hai bekaraar ji
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pankajwfs
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«Reply #3 on: March 28, 2012, 01:07:46 AM »
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it's an old creation again posting it after editing it again,


सर झुकाए लोग, रास्ते से गुजर जाते क्यूँ हैं
भले हैं लोग तो, पहचान छुपाते क्यूँ हैं, Applause Applause Applause Applause

गुनाहगार ही ज़्यादा हैं, तेरे तलबगार भी बड़े,
अब मैं समझा कि, मंदीरों मे लोग जाते क्यूँ हैं, Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley  Thumbs UP

रुसवाइयां मिली और लड़खड़ाए उम्र भर,
राह-ए-इश्क़ पे लोग चले जाते क्यूँ हैं  Applause Applause Applause Applause

सहोगे जुल्मो-सितम, पर उफ़ भी ना कहोगे
फिर ना कहना लोग, कमज़ोर को सताते क्यूँ हैं, Applause Applause Applause Applause Applause

साए से लगे रहे थे, मेरे अच्छे दीनो मे जो,
अब वोही लोग मुझसे, कतराते क्यूँ हैं, Applause Applause Applause Applause Applause

झुलसी हथेली देखी, सबने नसीहतें की
पराए घरों की आग मे हाथ जलाते क्यूँ हैं, Applause Applause Applause Applause Applause

दिनभर रहे नफ़रत इन्हे साक़ि-शराब से,
दिन ढले सफ़ेदपोश, मैखाने आते क्यूँ हैं, Giggle Giggle Giggle Clapping Smiley

शेरों को मेरे जो बकवास कह गये हैं,
सुखनवर नामी, मेरी बज्म मे आते क्यूँ हैं, Applause Applause Applause Applause

तन्हाई की नुमाइश, बुनियाद इश्क़ की
गमों से भी लोग फ़ायदा उठाते क्यूँ है, Applause Applause Applause Applause Applause

दुश्मनी मे बदल जाएगी बरसों की दोस्ती,
जानते हुए भी बेकरार, सच बताते क्यूँ हैं,  Clapping Smiley Thumbs UP notworthy icon_salut


Waaaaaaaaaaaaaahhhhhhh Bekraar ji yahi to aapka andaaz aapki shayari ko ek alag si pehchaan deta hai aur mujhe bhata hai . dehron daad aur mubarakbaad meri taraf se kabool farmaien.
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sksaini4
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«Reply #4 on: March 28, 2012, 03:53:21 AM »
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bahut khoob peshkash hai sanjeev ji badhaai ho
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«Reply #5 on: March 28, 2012, 09:00:10 AM »
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सर झुकाए लोग, रास्ते से गुजर जाते क्यूँ हैं
भले हैं लोग तो, पहचान छुपाते क्यूँ हैं,

गुनाहगार ही ज़्यादा हैं, तेरे तलबगार भी बड़े,
अब मैं समझा कि, मंदीरों मे लोग जाते क्यूँ हैं,

रुसवाइयां मिली और लड़खड़ाए उम्र भर,
राह-ए-इश्क़ पे लोग चले जाते क्यूँ हैं

सहोगे जुल्मो-सितम, पर उफ़ भी ना कहोगे
फिर ना कहना लोग, कमज़ोर को सताते क्यूँ हैं,

साए से लगे रहे थे, मेरे अच्छे दीनो मे जो,
अब वोही लोग मुझसे, कतराते क्यूँ हैं,

झुलसी हथेली देखी, सबने नसीहतें की
पराए घरों की आग मे हाथ जलाते क्यूँ हैं,

दिनभर रहे नफ़रत इन्हे साक़ि-शराब से,
दिन ढले सफ़ेदपोश, मैखाने आते क्यूँ हैं,

शेरों को मेरे जो बकवास कह गये हैं,
सुखनवर नामी, मेरी बज्म मे आते क्यूँ हैं,

तन्हाई की नुमाइश, बुनियाद इश्क़ की
गमों से भी लोग फ़ायदा उठाते क्यूँ है,

दुश्मनी मे बदल जाएगी बरसों की दोस्ती,
जानते हुए भी बेकरार, सच बताते क्यूँ हैं,



Meri Nazar mein Isse kehte Hai Shayari Jo Aap Karte Ho..Jis Sher-O-Shayari mein Gehrai Nahi Woh Shayari Kis Kaam Ki..

Sanjeev Bro..Jitni Tareef Ki Jaaye Kam Hai..Dil Se Daad Mere Bhai

Bahuttttttttttt Bahuttttttttttt Khoooob!!!!

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RAAJA1234
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«Reply #6 on: March 28, 2012, 01:25:12 PM »
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vaah bekaraar ji
nice one
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usha rajesh
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«Reply #7 on: March 28, 2012, 02:41:59 PM »
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Bahoot badhiya. Bahut jaayaz sawaal hain saheb.
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bekarar
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«Reply #8 on: March 31, 2012, 03:20:29 AM »
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shukriya bekarar ji,aisi rachna padhane k liye:clap: Applause Applause Applause Applause Applause Applause

bahooot bahoot abhar N U ji
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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