बेवक्त तुम याद आते हो...........

by pawan16 on March 09, 2012, 08:28:54 AM
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pawan16
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बेवक्त तुम याद आते हो,
भरी महफिल मे एहसास दिलाते हो,
दोस्त हमे कहते हे आजकल तुम कहा खो जाते हो,
दिन मे भी सोये-सोये से नजर आते हो,
बस ऐसे ही कहकर हम समझाते हे,
दोस्त हे आखिर सब समझ तो जाते हे,
वैसे लिखकर भी हम बहुत कूछ कह जाते हे,
अपने नंही हम आपके भी गुजरे पलो को भी बताते हे,
ये हम आपकी दाद से समझ जाते हे,
यू ही हम सब नंही लिख पाते हे,
जिंदगी के ऐसे मुकाम से गुजरे हे,
जंहा लफ्स ही हमारी पहचान बन जाते हे,
जिंदगी से केवल हम यही सिख पाये हे,
जो बंदे दर्द को खुशी मे जिकर पी जाते हे,
वो अपनी पहचान बना पाते हे............पवन गुप्ता




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sksaini4
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«Reply #1 on: March 09, 2012, 08:53:15 AM »
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Nice composition
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mkv
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«Reply #2 on: March 09, 2012, 09:56:03 AM »
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Very nice pawan ..keep it up
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sbechain
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«Reply #3 on: March 09, 2012, 10:08:28 AM »
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बेवक्त तुम याद आते हो,
भरी महफिल मे एहसास दिलाते हो,
दोस्त हमे कहते हे आजकल तुम कहा खो जाते हो,
दिन मे भी सोये-सोये से नजर आते हो,
बस ऐसे ही कहकर हम समझाते हे,
दोस्त हे आखिर सब समझ तो जाते हे,
वैसे लिखकर भी हम बहुत कूछ कह जाते हे,
अपने नंही हम आपके भी गुजरे पलो को भी बताते हे,
ये हम आपकी दाद से समझ जाते हे,
यू ही हम सब नंही लिख पाते हे,
जिंदगी के ऐसे मुकाम से गुजरे हे,
जंहा लफ्स ही हमारी पहचान बन जाते हे,
जिंदगी से केवल हम यही सिख पाये हे,
जो बंदे दर्द को खुशी मे जिकर पी जाते हे,
वो अपनी पहचान बना पाते हे............पवन गुप्ता






pawan ji likha to hai per kya kahna chahte hain mujh kund dimaag ko samajh nahin aayaa icon_geek
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pawan16
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«Reply #4 on: March 09, 2012, 03:59:37 PM »
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sheba ji meri har ek poem me koi na koi theme hoti hai......is poem maine first four lines me keval itna bataya hai ki main aksar apne se juda juda sa rahta hu..dost samjh jate hai reason..par kuch nahi samjte.so main apni writing ke najriye ye sab likh kar samjata hu.isliye main manta hu lafz hi meri pechaan hai ab...and maine zindgi me yahi paya hai ki jo apne dukh bhul khushi se jeeta hai vo hi hamesh sabko pasand ata hai................bas itne se khyal the jo maine izhaar karne ki choti si koshish ki......
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pawan16
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«Reply #5 on: March 09, 2012, 04:04:19 PM »
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thanks mkv.....
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pawan16
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«Reply #6 on: March 09, 2012, 04:05:38 PM »
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बेवक्त तुम याद आते हो,
भरी महफिल मे एहसास दिलाते हो,
दोस्त हमे कहते हे आजकल तुम कहा खो जाते हो,
दिन मे भी सोये-सोये से नजर आते हो,
बस ऐसे ही कहकर हम समझाते हे,
दोस्त हे आखिर सब समझ तो जाते हे,
वैसे लिखकर भी हम बहुत कूछ कह जाते हे,
अपने नंही हम आपके भी गुजरे पलो को भी बताते हे,
ये हम आपकी दाद से समझ जाते हे,
यू ही हम सब नंही लिख पाते हे,
जिंदगी के ऐसे मुकाम से गुजरे हे,
जंहा लफ्स ही हमारी पहचान बन जाते हे,
जिंदगी से केवल हम यही सिख पाये हे,
जो बंदे दर्द को खुशी मे जिकर पी जाते हे,
वो अपनी पहचान बना पाते हे............पवन गुप्ता




thanks saini ji
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Satish Shukla
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«Reply #7 on: March 11, 2012, 08:02:29 AM »
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pawan16 ji,

Keep it up all the best.

Raqeeb
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