मेरा दोस्त!!

by sapana on June 03, 2012, 05:17:18 PM
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sapana
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मेरा दोस्त!!
जी हा मेरा दोस्त हर सुबह मेरे पास आ जाता है
और मेरे कानमे मधुर राग गुनगुनता है
रोज़ मै उसकी प्रतीक्षामे आंखे बिछाये रहती हुं
उसके अलफाज़..उसके राग ...
सीधे छातीके अंदर उतर जाते है..
मैं मदहोश सी रहती हुं
मेरा दोस्त!!!
किसी मतलबके आता है...
उसको मुज़हसे कुछ नहीं चाहीये
वोह अपनी धुनमे गाता है
मै सुनती ही जाती हुं
कभी लगता है इस दुनियामे
सिर्फ मै हुं और वोह !! और कोई नहीं
किसीकी जरुरत ही नही..
जब बारिश होती है..
वोह पियु पियु पियु करके अपने पास बुलाता है..
और मै बावरी बावरी उसके पास खिंची चली जाती हुं
आज अब भी वोह मेरे कानोमे रस घोल रहा है..
और मै उसके बारेमे यह कविता लिख रही हुं..
वोह मेरा प्यारा सा नन्हासा दोस्त!!
अभी मै दुनियाकी
रफतारमे खो जाउंगी..
तुं मेरा कल कल इन्तेज़ार करना..
मेरे दोस्त!!!
सपना विजापुरा
६-०३-२०१२
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CIC
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«Reply #1 on: June 03, 2012, 05:31:59 PM »
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very beautiful and very nice imagination, sunder, saral aur bhawnao se paripoorn.
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BANSI DHAMEJA
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«Reply #2 on: June 03, 2012, 05:53:21 PM »
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NICE THOUGHTS. I FEEL IT NEEDS A LITTLE IMPROVEMENT TO MAKE IT MORE IMPRESSIVE. THIS IS A HUMBLE SUGGESTION.
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adil bechain
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«Reply #3 on: June 03, 2012, 06:11:07 PM »
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मेरा दोस्त!!
जी हा मेरा दोस्त हर सुबह मेरे पास आ जाता है
और मेरे कानमे मधुर राग गुनगुनता है
रोज़ मै उसकी प्रतीक्षामे आंखे बिछाये रहती हुं
उसके अलफाज़..उसके राग ...
सीधे छातीके अंदर उतर जाते है..
मैं मदहोश सी रहती हुं
मेरा दोस्त!!!
किसी मतलबके आता है...
उसको मुज़हसे कुछ नहीं चाहीये
वोह अपनी धुनमे गाता है
मै सुनती ही जाती हुं
कभी लगता है इस दुनियामे
सिर्फ मै हुं और वोह !! और कोई नहीं
किसीकी जरुरत ही नही..
जब बारिश होती है..
वोह पियु पियु पियु करके अपने पास बुलाता है..
और मै बावरी बावरी उसके पास खिंची चली जाती हुं
आज अब भी वोह मेरे कानोमे रस घोल रहा है..
और मै उसके बारेमे यह कविता लिख रही हुं..
वोह मेरा प्यारा सा नन्हासा दोस्त!!
अभी मै दुनियाकी
रफतारमे खो जाउंगी..
तुं मेरा कल कल इन्तेज़ार करना..
मेरे दोस्त!!!
सपना विजापुरा
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bahut khoob
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ripan dev
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«Reply #4 on: June 04, 2012, 02:09:42 AM »
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mera dost....... qabil-e- tareef......... Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP
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sksaini4
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«Reply #5 on: June 04, 2012, 03:52:58 AM »
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bahut sunder kawitaa hai sapnaa ji hardik badhaai
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anand mohan
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«Reply #6 on: June 04, 2012, 06:03:57 AM »
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 :clap:आपकी कविता प्रशंसनीय है.
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khamosh_aawaaz
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«Reply #7 on: June 04, 2012, 12:27:15 PM »
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मेरा दोस्त!!
जी हा मेरा दोस्त हर सुबह मेरे पास आ जाता है
और मेरे कानमे मधुर राग गुनगुनता है
रोज़ मै उसकी प्रतीक्षामे आंखे बिछाये रहती हुं
उसके अलफाज़..उसके राग ...
सीधे छातीके अंदर उतर जाते है..
मैं मदहोश सी रहती हुं
मेरा दोस्त!!!
किसी मतलबके आता है...
उसको मुज़हसे कुछ नहीं चाहीये
वोह अपनी धुनमे गाता है
मै सुनती ही जाती हुं
कभी लगता है इस दुनियामे
सिर्फ मै हुं और वोह !! और कोई नहीं
किसीकी जरुरत ही नही..
जब बारिश होती है..
वोह पियु पियु पियु करके अपने पास बुलाता है..
और मै बावरी बावरी उसके पास खिंची चली जाती हुं
आज अब भी वोह मेरे कानोमे रस घोल रहा है..
और मै उसके बारेमे यह कविता लिख रही हुं..
वोह मेरा प्यारा सा नन्हासा दोस्त!!
अभी मै दुनियाकी
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सपना विजापुरा
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verii gud
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kalam k chalne ko zamaana paagalpan samajhta hai.

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«Reply #8 on: June 04, 2012, 08:04:53 PM »
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Applause Applause Applause Applause Applause Applause  khoobsurat ehsaason ke saath khoobsurat rachna ... bahut achcha likha hai aapne Sapna ji... bahut khoobsurat rachna hai ye aapki....!!!
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