मैंने तुम्हे अपना बनाने की कोशिश तो की थी,-kishan

by kishan8888 on January 25, 2011, 12:57:54 PM
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kishan8888
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मैंने समय को रोकने की कोशिश तो की थी,
पर रुका नहीं मेरे लिए,
इस में गलती मेरी नहीं,
तुम ना आए तो समय भी चल ने लगा था,
 
मैंने सूरज पें घर बनानें की कोशिश तो की थी,
पर जलकर भस्म हों गया,
इस में गलती मेरी  नहीं,
तुमने एक बार भी  मेरी और  रहेम नजर से न देखा था, 
 
मैंने आकाश  में  पंख लगाकर उड़ने कोशिश तो की थी,
पर  मैं ना उड़ पाया,
इस में गलती मेरी  नहीं,
तुमने मुझे कभी मेरे अरमानो पे उड़ने ही नहीं दिया था,
 
मैंने चाँद सितारें जमीन पें लानें की कोशिश तो की थी,
पर चाँद सितारों ने मना किया,
इस में गलती मेरी नहीं,
तुम  जमीन पर पहेले से ही थे इसलिए वो ना आएँ ,
 
मैंने तुम्हे अपना बनाने की कोशिश तो की थी,
पर तुम मेरे ना हो पाएँ ,
इस में गलती मेरी नहीं,
प्यार के दुश्मनों ने कभी हमे मिलने ही नहीं दिया था….
 
“किशन”
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bikramjeet
Guest
«Reply #1 on: January 25, 2011, 03:18:51 PM »
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Applause BangHead :nana:gmi
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manzil-e-ishq
Guest
«Reply #2 on: January 26, 2011, 05:38:39 AM »
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bht khoob kishan ji......
Bht accha likha hai aapne.....
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ANAAM
Guest
«Reply #3 on: January 26, 2011, 06:33:47 AM »
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Acvhhi poem hai aapki......kiashan ji....... daad kabool kijiye....... Applause Applause Applause

Logged
Anshumali
Guest
«Reply #4 on: January 26, 2011, 07:36:05 AM »
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मैंने समय को रोकने की कोशिश तो की थी,
पर रुका नहीं मेरे लिए,
इस में गलती मेरी नहीं,
तुम ना आए तो समय भी चल ने लगा था,
 
मैंने सूरज पें घर बनानें की कोशिश तो की थी,
पर जलकर भस्म हों गया,
इस में गलती मेरी  नहीं,
तुमने एक बार भी  मेरी और  रहेम नजर से न देखा था, 
 
मैंने आकाश  में  पंख लगाकर उड़ने कोशिश तो की थी,
पर  मैं ना उड़ पाया,
इस में गलती मेरी  नहीं,
तुमने मुझे कभी मेरे अरमानो पे उड़ने ही नहीं दिया था,
 
मैंने चाँद सितारें जमीन पें लानें की कोशिश तो की थी,
पर चाँद सितारों ने मना किया,
इस में गलती मेरी नहीं,
तुम  जमीन पर पहेले से ही थे इसलिए वो ना आएँ ,
 
मैंने तुम्हे अपना बनाने की कोशिश तो की थी,
पर तुम मेरे ना हो पाएँ ,
इस में गलती मेरी नहीं,
प्यार के दुश्मनों ने कभी हमे मिलने ही नहीं दिया था….
 
“किशन”


Very Nice Poetry ... Kishan Ji !

Good Expression ... dil se daad !
Logged
kishan8888
Guest
«Reply #5 on: January 26, 2011, 11:09:24 AM »
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Very Nice Poetry ... Kishan Ji !

Good Expression ... dil se daad !
Acvhhi poem hai aapki......kiashan ji....... daad kabool kijiye....... Applause Applause Applause


bht khoob kishan ji......
Bht accha likha hai aapne.....
Applause BangHead :nana:gmi
aap ki comments mere liye bahut kuch kah jati hai bus aap ka pyaar yuhi dete rahiye hum aage bhi likhte rahenge..jai shree krishna
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #6 on: January 26, 2011, 06:21:36 PM »
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Bahut Khub Kishan Ji
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kishan8888
Guest
«Reply #7 on: January 27, 2011, 06:09:02 AM »
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dhanywad ji
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