26 july - kargil vijay diwas..

by Ishq007 on July 26, 2013, 05:52:01 PM
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Ishq007
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"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मर-मिटने वालों का यही बाकि निशाँ होगा.."

26 जुलाई- कारगिल विजय दिवस


शहीदों को प्रणाम ' आंसू जो कविता बन गये '

मातृभूमि की रक्षा से देह के अवसान तक
आओ मेरे साथ चलो तुम सीमा से शमशान तक
सोये हैं कुछ शेर यहां पर धीरे धीरे आना
आंसू दो टपका देता पर ताली नहीं बजाना

शहीद की शवयात्रा देख कर मुझमें भाव जगे
चाहता हूं तुझको तेरे नाम से पुकार लूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू

बारंबार पिटा सीमा पर भूल गया औकात को
चोरी चोरी लगा नोचने भारत के जज्बात को
धूल धूसरित कर डाला इस चोरों जैसी चाल को
मार पीट कर दूर भगाया उग्र हुए श्रंगाल को

इन गीदड़ों को रौंद कर जिस जगह पे तू मरा
मैं चूम लूं दुलार से पूजनीय वो धरा
दीप यादों के जलाऊं काम सारे छोड़कर
चाहता हूं भावनाएं तेरे लिए वार दूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू

सद्भावना की ओट में शत्रु ने छद्म किया
तूने अपने प्राण दे ध्वस्त वो कदम किया
नाम के शरीफ थे जब फौज थी बदमाश उनकी
इसलिए तो सड़ गयी कारगिल में लाश उनकी

सूरत भी न देखी उनकी उनके ही परिवार ने
कफन दिया न दफन किया पाक की सरकार ने
लौट आया शान से तू तिरंगा ओढ़कर
चाहता हूं प्यार से तेरी राह को बुहार दूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू


शहीद की मां को प्रणाम.......

कर गयी पैदा तुझे उस कोख का एहसान है
सैनिकों के रक्त से आबाद हिन्दुस्तान है
तिलक किया मस्तक चूमा बोली ये ले कफन तुम्हारा
मैं मां हूं पर बाद में, पहले बेटा वतन तुम्हारा
धन्य है मैया तुम्हारी भेंट में बलिदान में
झुक गया है देश उसके दूध के सम्मान में
दे दिया है लाल जिसने पुत्र मोह छोड़कर
चाहता हूं आंसुओं से पांव वो पखार दूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू


शहीद की पत्नी को सम्मान.......

पाक की नापाक जिद में जंग खूनी हो गयी
न जाने कितनी नारियों की मांग सूनी हो गयी
हो गयी खामोश उसकी लापता मुस्कान है
जानती है उम्र भर जीवन तेरा सुनसान है
गर्व से फिर भी कहा है देख कर ताबूत तेरा
देश की रक्षा करेगा देखना अब पूत मेरा
कर लिए हैं हाथ सूने चूडि़यों को तोड़कर
वंदना के योग्य देवी को सदा सत्कार दूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू


शहीद के पिता को प्रणाम.......

लाडले का शव उठा बूढ़ा चला शमशान को
चार क्या सौ सौ लगेंगे चांद उसकी शान को
कांपते हाथों ने हिम्मत से सजाई जब चिता
चक्षुओं से अक्ष बोले धन्य हैं ऐसे पिता
देश पर बेटा निछावर शव समर्पित आग को
हम नमन करते हैं उनके, देश से अनुराग को
स्वर्ग में पहले गया बेटा पिता को छोड़कर
इस पिता के चरण छू आशीष लूं और प्यार लूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू


शहीद के बालकों को प्यार दुलार......

कौन दिलासा देगा नन्हीं बेटी नन्हें बेटे को
भोले बालक देख रहे हैं मौन चिता पर लेटे को
क्या देखें और क्या न देखें बालक खोये खोये से
उठते नहीं जगाने से ये पापा सोये सोये से
हैं अनभिज्ञ विकट संकट से आपसे में बतियाते हैं
अपने मन के भावों को प्रकट नहीं कर पाते हैं
उड़कर जाऊं दुश्मन के घर उसकी बांह मरोड़कर
बिना नमक के कच्चा खाकर लंबी एक डकार लूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू


शहीद की बहन को स्नेह.......

सावन के अंतिम दिवस ये वेदना सहनी पड़ेगी
जो कसक है आज की हर साल ही सहनी पडे़गी
ढूंढ़ती तेरी कलाई को धधकती आग में
न रहा अब प्यार भैया का बहन के भाग में
किस तरह बांधे ये राखी तेरी सुलगती राख में
न बचा आंसू कोई उस लाडली की आंख में
ज्यों निकल जाए कोई नाराज हो घर छोड़कर
चाहता हूं भाई बन मैं उसे पुचकार दूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लू


पाक को चेतावनी......

विध्वंस के बातें न कर बेवजह पिट जायेगा
तू मिटेगा साथ तेरा वंश भी मिट जायेगा
कुछ सीख ले इंसानियत तेरा विश्व में सम्मान हो
हम नहीं चाहते तुम्हारा नाम कब्रिस्तान हो
चेतावनी है हमारी छोड़ आदत आसुरी
न रहेगा बांस फिर और न बजेगी बांसुरी
उड़ चली अग्नि अगर आवास अपना छोड़कर
चाहता हूं पाक को मैं जरा ललकार दूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लूं ।
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Ishq007
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«Reply #1 on: July 26, 2013, 05:52:43 PM »
ye kisne likha hai ye mujhe nhi pata
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Mohammad Touhid
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«Reply #2 on: July 26, 2013, 06:04:23 PM »
jisne bhi likha hai hats off to him...

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Ram Saraswat
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«Reply #3 on: July 26, 2013, 06:15:04 PM »
कांपते हाथों ने हिम्मत से सजाई जब चिता
चक्षुओं से अक्ष बोले धन्य हैं ऐसे पिता
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Bhupinder Kaur
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«Reply #4 on: July 26, 2013, 07:09:54 PM »
M Speechless........
& thanks for sharing..........  icon_salut
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nandbahu
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«Reply #5 on: July 26, 2013, 07:54:54 PM »
wah wah, deshbhakti ke jajbe ko salam icon_salut icon_salut icon_salut icon_salut icon_salut icon_salut icon_flower icon_flower icon_flower
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #6 on: July 26, 2013, 09:05:00 PM »
Good.
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sksaini4
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«Reply #7 on: July 26, 2013, 09:12:35 PM »
par bahut khoob likhaa
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mkv
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«Reply #8 on: July 27, 2013, 12:05:11 AM »
ye kisne likha hai ye mujhe nhi pata
Par jisne bhi likha hai..dil wala hai
aur dil khol kar likha hai.
 Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP
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RAJAN KONDAL
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«Reply #9 on: July 27, 2013, 02:08:25 AM »
jai hind bhut khub
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