hahakar

by nishabd on January 17, 2012, 06:57:18 PM
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nishabd
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क्या देश की है हालत, क्यूँ देश की ये हालत,
सभी प्रबुद्ध जनों में विचार हो रहा है,
हाहाकार हो रहा है, हाहाकार हो रहा है

कहीं लोगों को खाना नहीं, कहीं गोदामों में अनाज सड़ रहा है,
देख-रेख के अभाव में आलू और प्याज सड़ रहा है,
कैसा है ये सिस्टम जो लाचार हो रहा है
हाहाकार हो रहा है, हाहाकार हो रहा है

कहीं हाथी, कहीं हाथ, कहीं कमल पर है निशाना,
खुद को ऊपर करने के बजाय दूसरे को नीचा दिखाना,
जनता की भावनाओं का क्यूँ व्यापार हो रहा है,
हाहाकार हो रहा है, हाहाकार हो रहा है

कभी बाबा रामदेव लातें और घूँसे खा रहे हैं,
कभी अन्ना अनशन के बावजूद कुछ नहीं पा रहे हैं,
देश के हितैषियों पे क्यूँ अत्याचार हो रहा है
हाहाकार हो रहा है, हाहाकार हो रहा है

कहीं नक्सलवादी, कहीं माओवादी पुलिस पे सितम ढा रहे हैं,
कहीं आतंकवादी जेल में चिकन बिरयानी खा रहे हैं.
कामयाब नहीं हमारा कोई हथियार हो रहा है,
हाहाकार हो रहा है, हाहाकार हो रहा है
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sksaini4
Ustaad ae Shayari
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«Reply #1 on: January 18, 2012, 04:47:57 AM »
Ati sunder rachna badhai ho
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #2 on: January 18, 2012, 05:53:15 AM »
Bahut sundar aur vaastavikta per adhaarit rachna hai.Badhai.
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SAVITA CHADHA
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«Reply #3 on: January 18, 2012, 06:57:19 AM »
Desh ke liye chinta karna Acha laga. Savita Chadha
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nishabd
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«Reply #4 on: February 07, 2012, 03:28:47 PM »
thanks everybody icon_salut
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SAVITA CHADHA
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«Reply #5 on: February 10, 2012, 04:50:14 AM »
 :tearyeyed:काश कुछ खराब लोगों के कारण हमारे देश की छवि खराब न होने पाये ।
              आओं कुछ इस तरह से अच्‍छे लोगों को अपने साथ मिलाये, उन्‍हें जगायें ।
                                                                          सविता चड्ढा, दिल्‍ली
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SAVITA CHADHA
Guest
«Reply #6 on: February 10, 2012, 04:56:16 AM »
हम चाहते हैं देश का नाम सदा उंचा रहे, शान से हम रहें और शान से तुम रहो,
आन बान शान से हम सब मिलकर रहे, अपना और देश का  नाम कभी झुकने न दें।
सविता चड्ढा, दिल्‍ली‍
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