पाक का व्यक्तित्व

by medha_jain3 on January 09, 2009, 10:43:54 AM
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medha_jain3
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गज़ल गायक जगजीत सिंह की गायी एक प्रसिद्ध गज़ल "तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो......." की तर्ज़ पर करीब सात साल पहले मैनें पाकिस्तान के बारे में कुछ लिखा था जो आज आप लोगों के साथ बांट रही हूं,उम्मीद करती हूं कि आपको पसंद आयेगी........


तुम इतना क्यों घबरा रहे हो,
जो ज़ुर्म है क्यों छिपा रहे हो,
तुम इतना........

आंखों में गद्दारी, यारी ज़ुबां पर
क्या तुम हो, क्या दिखा रहे हो.
तुम इतना..........

मर जओगे युध्द लडते लडते
क्यों बेवकूफी किये जा रहे हो.
तुम इतना.........

आतंक का डेरा तुम्हीं हो,
आतंक से मात खा रहे हो,
तुम इतना.........

जिन ज़ख्मों से घायल हुआ है,
क्यों घायल शेर को जगा रहे हो.
तुम इतना.......

मेधा जैन
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Humko Abtak Aashiqi Ka Wo Zamaana Yaad Hai,.

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«Reply #1 on: January 09, 2009, 11:29:27 AM »
गज़ल गायक जगजीत सिंह की गायी एक प्रसिद्ध गज़ल "तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो......." की तर्ज़ पर करीब सात साल पहले मैनें पाकिस्तान के बारे में कुछ लिखा था जो आज आप लोगों के साथ बांट रही हूं,उम्मीद करती हूं कि आपको पसंद आयेगी........


तुम इतना क्यों घबरा रहे हो,
जो ज़ुर्म है क्यों छिपा रहे हो,
तुम इतना........

आंखों में गद्दारी, यारी ज़ुबां पर
क्या तुम हो, क्या दिखा रहे हो.
तुम इतना..........

मर जओगे युध्द लडते लडते
क्यों बेवकूफी किये जा रहे हो.
तुम इतना.........

आतंक का डेरा तुम्हीं हो,
आतंक से मात खा रहे हो,
तुम इतना.........

जिन ज़ख्मों से घायल हुआ है,
क्यों घायल शेर को जगा रहे हो.
तुम इतना.......

मेधा जैन

Waah Waah,.
Medha Ji,.

Kamal Ka Likha Hai Yaara,.
Subhan Allah,.

Great Job Yaar./
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Rajesh Harish
Guest
«Reply #2 on: January 09, 2009, 01:16:46 PM »
Really nice one Medha Ji
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harishsharmapilot
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«Reply #3 on: January 10, 2009, 01:30:35 AM »
गज़ल गायक जगजीत सिंह की गायी एक प्रसिद्ध गज़ल "तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो......." की तर्ज़ पर करीब सात साल पहले मैनें पाकिस्तान के बारे में कुछ लिखा था जो आज आप लोगों के साथ बांट रही हूं,उम्मीद करती हूं कि आपको पसंद आयेगी........


तुम इतना क्यों घबरा रहे हो,
जो ज़ुर्म है क्यों छिपा रहे हो,
तुम इतना........

आंखों में गद्दारी, यारी ज़ुबां पर
क्या तुम हो, क्या दिखा रहे हो.
तुम इतना..........

मर जओगे युध्द लडते लडते
क्यों बेवकूफी किये जा रहे हो.
तुम इतना.........

आतंक का डेरा तुम्हीं हो,
आतंक से मात खा रहे हो,
तुम इतना.........

जिन ज़ख्मों से घायल हुआ है,
क्यों घायल शेर को जगा रहे हो.
तुम इतना.......

मेधा जैन
Hello Megha
Here U write a fact in the shape of poem but u know in this busy world people donot have time to write or react or put comments on such topics except few. Finally I slaute to your braveness that u r writing on the present situation in simple words.
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Pooja
Guest
«Reply #4 on: January 10, 2009, 02:04:44 AM »
I can say only two words here Medha Great and Bold !!

Good creation!!
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NETRAPAL
Guest
«Reply #5 on: January 10, 2009, 03:41:01 AM »
गज़ल गायक जगजीत सिंह की गायी एक प्रसिद्ध गज़ल "तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो......." की तर्ज़ पर करीब सात साल पहले मैनें पाकिस्तान के बारे में कुछ लिखा था जो आज आप लोगों के साथ बांट रही हूं,उम्मीद करती हूं कि आपको पसंद आयेगी........


तुम इतना क्यों घबरा रहे हो,
जो ज़ुर्म है क्यों छिपा रहे हो,
तुम इतना........

आंखों में गद्दारी, यारी ज़ुबां पर
क्या तुम हो, क्या दिखा रहे हो.
तुम इतना..........

मर जओगे युध्द लडते लडते
क्यों बेवकूफी किये जा रहे हो.
तुम इतना.........

आतंक का डेरा तुम्हीं हो,
आतंक से मात खा रहे हो,
तुम इतना.........

जिन ज़ख्मों से घायल हुआ है,
क्यों घायल शेर को जगा रहे हो.
तुम इतना.......

मेधा जैन

abhee to itnaa hee kah saktaa hoo kee bahut khoob kyon kee samay kam hai warnaa mai bhee kuch jaroor likhtaa....

netra.....
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