सहमा सहमा पाक (त्रिपदी) काव्य की एक नई विधा -आर के रस्तोगी के रस्तोगी

by Ram Krishan Rastogi on August 10, 2019, 03:02:24 PM
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देखकर 370 की छाप,
पाक को हुआ है संताप,
सहमा सहमा हुआ है अपने आप |१|

समझौता एक्सप्रेस करके बंद,
व्यापार को भी करके बंद,
नुक्सान कर रहा है अपने आप |२|

देकर गीदड़ की भपकी,
जंग करने की धमकी,
पाक डर रहा है अपने आप |३|

घर में नहीं है दाने,
अम्मा चली है भुनाने,
पाक भुन रहा है अपने आप |४|

बुलाये सारे राजनयिक,
लगाये सारे अपने सैनिक,
फिर भी डर रहा अपने आप |५|

महबूबा डर रही अपने आप,
उमर भी डर रहा अपने आप,
पता नहीं क्यों डरते अपने आप |6|

भाव आ रहे अपने आप,
कलम चल रही अपने आप,
लिख रहा हूँ अपने आप |७|

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)
 
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