हिन्दू हो या मुसलमान सबका खून लाल है

by anil kumar aksh on January 31, 2010, 08:07:00 AM
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anil kumar aksh
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हिन्दू हो या मुसलमान सबका खून लाल है ।
फिर आज क्यूँ दिलो में सबके मलाल है ॥
जब एक ही मालिक ने बनाया है ये जहाँ ।
फिर मंदिरों और मस्जिदों पैर क्यूँ बवाल है ॥
अपना ही घर जलाकर बन बैठे तमाशायी ।
अब जमी से फलक तक सब सुर्ख लाल है ॥
इस अमन के शहर में सब कुछ है जल रहा ।
हाय ! ये हिन्दोस्तां का कैसा हाल है ॥
जी रही संगीनों के साये में जिन्दगी ।
जिन्दगी और मौत का अब क्या सवाल है ॥
खुद बागबां बन बैठा है कातिल यहाँ गुलों का ।
है खून बह रहा कौन कहता गुलाल है ॥
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malli
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«Reply #1 on: January 31, 2010, 08:40:00 AM »
हिन्दू हो या मुसलमान सबका खून लाल है ।
फिर आज क्यूँ दिलो में सबके मलाल है ॥
जब एक ही मालिक ने बनाया है ये जहाँ ।
फिर मंदिरों और मस्जिदों पैर क्यूँ बवाल है ॥
अपना ही घर जलाकर बन बैठे तमाशायी ।
अब जमी से फलक तक सब सुर्ख लाल है ॥
इस अमन के शहर में सब कुछ है जल रहा ।
हाय ! ये हिन्दोस्तां का कैसा हाल है ॥
जी रही संगीनों के साये में जिन्दगी ।
जिन्दगी और मौत का अब क्या सवाल है ॥
खुद बागबां बन बैठा है कातिल यहाँ गुलों का ।
है खून बह रहा कौन कहता गुलाल है ॥

Wah wah bahut sahi aur accha likha hai aapne Anil kumar ji. daad kabul farmayiyega zarur
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drpandey
Guest
«Reply #2 on: January 31, 2010, 09:52:49 AM »
हिन्दू हो या मुसलमान सबका खून लाल है ।
फिर आज क्यूँ दिलो में सबके मलाल है ॥
जब एक ही मालिक ने बनाया है ये जहाँ ।
फिर मंदिरों और मस्जिदों पैर क्यूँ बवाल है ॥
अपना ही घर जलाकर बन बैठे तमाशायी ।
अब जमी से फलक तक सब सुर्ख लाल है ॥
इस अमन के शहर में सब कुछ है जल रहा ।
हाय ! ये हिन्दोस्तां का कैसा हाल है ॥
जी रही संगीनों के साये में जिन्दगी ।
जिन्दगी और मौत का अब क्या सवाल है ॥
खुद बागबां बन बैठा है कातिल यहाँ गुलों का ।
है खून बह रहा कौन कहता गुलाल है ॥

Bahut achchha Anil ji...maine bhi koshish ki hai....

Ibadat ka koi hal to nikala jaaye,
Aadmi ko naye saanche me dhala jaaye.!

Der-o-haram jaat ye majhabi masley,
Seene me kisi bachhe ke na paala jaye.!

Iemaan yaquin sach kuchh pyar ke rishte,
Taleem me inko bhi kahin to daala jaye.!
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madhuwesh
Guest
«Reply #3 on: January 31, 2010, 09:58:19 AM »
Bahut bahut khoob Anil ji and Pandey ji.great creation, Hats off to you! Thumbs UP Applause Applause Applause Applause Applause
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songwriter_123
Guest
«Reply #4 on: January 31, 2010, 11:26:10 AM »
The best poem i have read so far anil ji and this one is d best in yo india ....

really a good way to tell abt the fact, awesome Usual Smile

Keep it up and keep posting  Applause Applause Applause Applause Applause icon_salut
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riyaz106
Guest
«Reply #5 on: January 31, 2010, 01:50:45 PM »
वाह अनिल जी, आपकी ये रचना बेह्द अच्छी लगी. ऐसे विचारों के लिऐ आप प्रशंसा के पात्र हैं.
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #6 on: February 01, 2010, 03:31:17 PM »
wah Anil Ji Bahut Khub ApplauseApplause
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