मैंने देखा है............

by vickybabu10 on August 19, 2011, 08:48:28 AM
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vickybabu10
Guest
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*कभी देखा है तुमने ?
दर्द को कम होते !
किसी की पीड़ा को मिटते !
कैसे भूल जाता है कोई नासूर बने  दर्द को पलभर में.
कैसे मिल जाता है अवकाश किसी को बरसों की पीड़ा से !
मैंने देखा है खुद ही में ये सब
तुम्हारी मोहक हंसी जब गूंजती है कानों में,
जाने कहाँ चला जाता है दर्द,
जाने कहाँ भाग जाती है पीड़ा.
तुम्हारे दूधिया दांतों की चमक के नीचे
मैंने पीड़ा को पिसते देखा है.
तुम्हारी खनकदार हंसी को सुनकर
मैंने दर्द सिकुड़ते देखा है.*
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vickybabu10
Guest
«Reply #1 on: August 19, 2011, 10:29:58 AM »
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मुझे ज्यादा लिखना वगैहरा नहीं आता दोस्तों
जो कुछ भी लिखता हूँ बस दिल में उठने वाली
भावनाएं हैं जो कलम के रास्ते कागज़ पर,बल्कि
यूँ कहिये की-बोर्ड के रास्ते इस वेब साईट पर
उतर जाती हैं.
आशा करता हूँ इस नौ सीखिए को आप सब की
समझाइशें और प्यार मिलता रहेगा.
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Aahnaaa
Guest
«Reply #2 on: August 20, 2011, 09:23:47 AM »
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*कभी देखा है तुमने ?
दर्द को कम होते !
किसी की पीड़ा को मिटते !
कैसे भूल जाता है कोई नासूर बने  दर्द को पलभर में.
कैसे मिल जाता है अवकाश किसी को बरसों की पीड़ा से !
मैंने देखा है खुद ही में ये सब
तुम्हारी मोहक हंसी जब गूंजती है कानों में,
जाने कहाँ चला जाता है दर्द,
जाने कहाँ भाग जाती है पीड़ा.
तुम्हारे दूधिया दांतों की चमक के नीचे
मैंने पीड़ा को पिसते देखा है.
तुम्हारी खनकदार हंसी को सुनकर
मैंने दर्द सिकुड़ते देखा है.*
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