पापा तुम लड़ना सीमा पर

by soudagar on June 05, 2013, 08:25:46 PM
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soudagar
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पापा तुम लड़ना सीमा पर,
बाकी चिन्ता मत करना...
देश बड़ा है जान है छोटी,
जाँ की चिन्ता मत करना...
नजरें तुम सीमा पर रखना,
दुश्मन छिपा शिखर पर है...
तुम विचलित बिलकुल मत होना,
देश तुम्हीं पर निर्भर है...
मम्मी कहतीं- लिख पापा को,
माँ की चिन्ता मत करना...
चाचा की आयी थी चिट्ठी,
चाची पहुँच गयीं झाँसी...
घर में दीदी, माँ दादी है,
दादा जी को है खाँसी...
दादा कहते-लिख पापा को,
‘बाप’ की चिन्ता मत करना...
अबकी बारिश को छत पर का,
पानी टपका 'चूल्हे’ में...
सीढ़ी से दादी फिसली थीं,
चोट लगी है कूल्हे में...
दादी कहतीं-लिख पापा को,
‘माँ’ की चिन्ता मत करना...
करनी है दीदी की शादी,
दादा रिश्ता खोज रहे...
अबकी जाड़े में रौनक हो,
हम सब ऐसा सोच रहे...
दीदी कहतीं-लिख पापा को,
‘बहन’ की चिन्ता मत करना...
घर को जब आओगे पापा,
मुझको, हाथ घड़ी लाना...
दादी का चश्मा ला देना,
दादा हाथ छड़ी लाना...
मैं लिखती हूँ तुमको पापा,
‘यहाँ’ की चिन्ता मत करना…

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marhoom bahayaat
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«Reply #1 on: June 05, 2013, 08:46:44 PM »
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पापा तुम लड़ना सीमा पर,
बाकी चिन्ता मत करना...
देश बड़ा है जान है छोटी,
जाँ की चिन्ता मत करना...
नजरें तुम सीमा पर रखना,
दुश्मन छिपा शिखर पर है...
तुम विचलित बिलकुल मत होना,
देश तुम्हीं पर निर्भर है...
मम्मी कहतीं- लिख पापा को,
माँ की चिन्ता मत करना...
चाचा की आयी थी चिट्ठी,
चाची पहुँच गयीं झाँसी...
घर में दीदी, माँ दादी है,
दादा जी को है खाँसी...
दादा कहते-लिख पापा को,
‘बाप’ की चिन्ता मत करना...
अबकी बारिश को छत पर का,
पानी टपका 'चूल्हे’ में...
सीढ़ी से दादी फिसली थीं,
चोट लगी है कूल्हे में...
दादी कहतीं-लिख पापा को,
‘माँ’ की चिन्ता मत करना...
करनी है दीदी की शादी,
दादा रिश्ता खोज रहे...
अबकी जाड़े में रौनक हो,
हम सब ऐसा सोच रहे...
दीदी कहतीं-लिख पापा को,
‘बहन’ की चिन्ता मत करना...
घर को जब आओगे पापा,
मुझको, हाथ घड़ी लाना...
दादी का चश्मा ला देना,
दादा हाथ छड़ी लाना...
मैं लिखती हूँ तुमको पापा,
‘यहाँ’ की चिन्ता मत करना…

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one respected rau to this gr888888888888 emotional sharing,sir
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #2 on: June 05, 2013, 09:59:32 PM »
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 Applause Applause 
 beautiful , emotional , patriotic  .
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aqsh
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«Reply #3 on: June 05, 2013, 10:01:22 PM »
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nice sharing...
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Bhupinder Kaur
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«Reply #4 on: June 06, 2013, 01:01:24 AM »
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Too Beautiful & patriotic .................
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
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BANSI DHAMEJA
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«Reply #5 on: June 06, 2013, 01:13:12 AM »
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BEAUTIFUL. BAHUT KHOOB Applause Applause Applause Applause
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Mohammad Touhid
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«Reply #6 on: June 06, 2013, 02:05:28 AM »
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very nice sharing.. Usual Smile
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sksaini4
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«Reply #7 on: June 06, 2013, 04:07:39 PM »
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soudagar
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«Reply #8 on: July 06, 2013, 08:57:31 PM »
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shukriya m.b. sir
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #9 on: July 06, 2013, 09:03:34 PM »
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पापा तुम लड़ना सीमा पर,
बाकी चिन्ता मत करना...
देश बड़ा है जान है छोटी,
जाँ की चिन्ता मत करना...
नजरें तुम सीमा पर रखना,
दुश्मन छिपा शिखर पर है...
तुम विचलित बिलकुल मत होना,
देश तुम्हीं पर निर्भर है...
मम्मी कहतीं- लिख पापा को,
माँ की चिन्ता मत करना...
चाचा की आयी थी चिट्ठी,
चाची पहुँच गयीं झाँसी...
घर में दीदी, माँ दादी है,
दादा जी को है खाँसी...
दादा कहते-लिख पापा को,
‘बाप’ की चिन्ता मत करना...
अबकी बारिश को छत पर का,
पानी टपका 'चूल्हे’ में...
सीढ़ी से दादी फिसली थीं,
चोट लगी है कूल्हे में...
दादी कहतीं-लिख पापा को,
‘माँ’ की चिन्ता मत करना...
करनी है दीदी की शादी,
दादा रिश्ता खोज रहे...
अबकी जाड़े में रौनक हो,
हम सब ऐसा सोच रहे...
दीदी कहतीं-लिख पापा को,
‘बहन’ की चिन्ता मत करना...
घर को जब आओगे पापा,
मुझको, हाथ घड़ी लाना...
दादी का चश्मा ला देना,
दादा हाथ छड़ी लाना...
मैं लिखती हूँ तुमको पापा,
‘यहाँ’ की चिन्ता मत करना…

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फोजियो पर लिखी रचना सही दर्द पेश कर रही है,बहुत खूब.
लगा मैं अपने पापा से गुफ्तगू कर रहा हूँ
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