बहूत खूबसूरत हो तुम............Rishi

by Rishi Agarwal on November 20, 2009, 02:25:35 PM
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Rishi Agarwal
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बहूत खूबसूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
कभी मैं जो कह दूं मोहब्बत है तुम से !
तो मुझको खुदारा गलत मत समझना !
के मेरी जरुरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !

है फ़ुलों की डाली, ये बाहें तुम्हारी !
है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी !
जो काटें हों सब अपने दामन में भर लूं !
सजाउं मैं इनसे राहें तुम्हारी !
नज़र से जमाने की खुद को बचाना !
किसी और से देखो दिल न लगाना !
के मेरी अमानत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

है चेहरा तुम्हारा के दिन है सुनेहरा !
और उस पर ये काली घटाओं का पेहरा !
गुलाबों से नाजु़क मेहकता बदन है !
ये लब है तुम्हारा के खिलता चमन है !
बिखेरो जो जु़ल्फ़ें तो शरमाये बादल !
ये ताहिर भी देखे तो हो जाये पागल !
वो पाकीजा़ मुरत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

मोहब्बत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
जो बन के कली मुस्कूराती है अक्सर !
शबे हिज्र मैं जो रुलाती है अक्सर !
जो लम्हों ही लम्हों मे दुनिया बदल दे !
जो शायर को दे जाये पेहलु ग़ज़ल की !
छुपाना जो चाहे छुपाई न जाये !
भुलाना जो चाहे भुलाई न जाये !
वो पेहली मोहब्बत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम





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riyaz106
Guest
«Reply #1 on: November 20, 2009, 04:49:31 PM »
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Kamal ki poetry hai. Maza aa gaya. Shukria
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JHEEL
Guest
«Reply #2 on: November 20, 2009, 06:58:39 PM »
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good one RISHI JI
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madhuwesh
Guest
«Reply #3 on: November 20, 2009, 08:36:20 PM »
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lovely poem.thanks for sharing Rishi ji. icon_thumleft Applause Applause Applause
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #4 on: November 21, 2009, 05:24:08 AM »
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Kamal ki poetry hai. Maza aa gaya. Shukria

Bahut Bahut Shukriya Riyaz JI Aapka
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #5 on: November 21, 2009, 05:24:45 AM »
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good one RISHI JI


Bahut Bahut Shukriya Jheel JI
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #6 on: November 21, 2009, 05:25:13 AM »
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lovely poem.thanks for sharing Rishi ji. icon_thumleft Applause Applause Applause

Bahut Bahut Shukriya Madhu JI Aapka
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Rajesh Harish
Guest
«Reply #7 on: November 22, 2009, 10:31:42 AM »
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बहूत खूबसूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
कभी मैं जो कह दूं मोहब्बत है तुम से !
तो मुझको खुदारा गलत मत समझना !
के मेरी जरुरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !

है फ़ुलों की डाली, ये बाहें तुम्हारी !
है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी !
जो काटें हों सब अपने दामन में भर लूं !
सजाउं मैं इनसे राहें तुम्हारी !
नज़र से जमाने की खुद को बचाना !
किसी और से देखो दिल न लगाना !
के मेरी अमानत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

है चेहरा तुम्हारा के दिन है सुनेहरा !
और उस पर ये काली घटाओं का पेहरा !
गुलाबों से नाजु़क मेहकता बदन है !
ये लब है तुम्हारा के खिलता चमन है !
बिखेरो जो जु़ल्फ़ें तो शरमाये बादल !
ये ताहिर भी देखे तो हो जाये पागल !
वो पाकीजा़ मुरत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

मोहब्बत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
जो बन के कली मुस्कूराती है अक्सर !
शबे हिज्र मैं जो रुलाती है अक्सर !
जो लम्हों ही लम्हों मे दुनिया बदल दे !
जो शायर को दे जाये पेहलु ग़ज़ल की !
छुपाना जो चाहे छुपाई न जाये !
भुलाना जो चाहे भुलाई न जाये !
वो पेहली मोहब्बत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम





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Nice sharing Rishi Ji
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Rishi Agarwal
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«Reply #8 on: November 22, 2009, 01:58:57 PM »
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Thnx Rajesh JI
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deepika_divya
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«Reply #9 on: November 23, 2009, 02:26:39 PM »
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@ Rishi - Its already updated to you many times to post others work in Poetry lounge !

Post moved to poetry lounge !
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Rishi Agarwal
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«Reply #10 on: November 24, 2009, 05:50:21 AM »
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@ Rishi - Its already updated to you many times to post others work in Poetry lounge !

Post moved to poetry lounge !


Can U tell Me Shophi Ji Ki Kaha Pe Meine Aisa Kiya Hai Plz tell me something Kya Aap Mujhe Mere Dawara Update Ki Huvi Dikha Sakte HO Aap Aur Wo Bhi Many Time
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KOYAL46
Guest
«Reply #11 on: November 26, 2009, 05:05:21 PM »
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No arguement Rishiji....Sophiji moniter hain aur sahi keh rahi hain....maan lo....


Can U tell Me Shophi Ji Ki Kaha Pe Meine Aisa Kiya Hai Plz tell me something Kya Aap Mujhe Mere Dawara Update Ki Huvi Dikha Sakte HO Aap Aur Wo Bhi Many Time
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #12 on: November 27, 2009, 06:00:59 AM »
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No arguement Rishiji....Sophiji moniter hain aur sahi keh rahi hain....maan lo....

Koyal Ji Monitor Hai Mein bhi unki Respect Karta Hu Per Mujhe Akele Ko hI kyu Aur Bhi Hai JO Roz Galtiya Karte Hai Aur Mein Ye Post Pahli Bar Hi post Ki hai Ok Koyal JI
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SURESH SANGWAN
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«Reply #13 on: May 22, 2011, 06:43:20 AM »
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Umda Shayar
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«Reply #14 on: January 10, 2012, 10:45:11 AM »
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बहूत खूबसूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
कभी मैं जो कह दूं मोहब्बत है तुम से !
तो मुझको खुदारा गलत मत समझना !
के मेरी जरुरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !

है फ़ुलों की डाली, ये बाहें तुम्हारी !
है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी !
जो काटें हों सब अपने दामन में भर लूं !
सजाउं मैं इनसे राहें तुम्हारी !
नज़र से जमाने की खुद को बचाना !
किसी और से देखो दिल न लगाना !
के मेरी अमानत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

है चेहरा तुम्हारा के दिन है सुनेहरा !
और उस पर ये काली घटाओं का पेहरा !
गुलाबों से नाजु़क मेहकता बदन है !
ये लब है तुम्हारा के खिलता चमन है !
बिखेरो जो जु़ल्फ़ें तो शरमाये बादल !
ये ताहिर भी देखे तो हो जाये पागल !
वो पाकीजा़ मुरत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

मोहब्बत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
जो बन के कली मुस्कूराती है अक्सर !
शबे हिज्र मैं जो रुलाती है अक्सर !
जो लम्हों ही लम्हों मे दुनिया बदल दे !
जो शायर को दे जाये पेहलु ग़ज़ल की !
छुपाना जो चाहे छुपाई न जाये !
भुलाना जो चाहे भुलाई न जाये !
वो पेहली मोहब्बत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम





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ye bahut mashoor nazm hai TAHIR FARAZ SAHAB KI....NICE SHARING
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