मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है ||

by ManishTiwari on November 09, 2013, 01:30:30 PM
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ManishTiwari
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मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है ,
चोरों के संग पहरेदार नज़र आते है
ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ ,
रोशनी के दुश्मन चौकीदार नज़र आते है
हर गली में, हर सड़क पे ,मौन पड़ी है ज़िंदगी
हर जगह मरघट से हालात नज़र आते है
सुनता है आज कौन द्रौपदी की चीख़ को हर
जगह दुस्साशन सिपहसालार नज़र आते है
सत्ता से समझौता करके बिक गयी है लेखनी
ख़बरों को सिर्फ अब बाज़ार नज़र आते है
सच का साथ देना भी बन गया है जुर्म अब
सच्चे ही आज गुनाहगार नज़र आते है
मुल्क की हिफाज़त सौंपी है जिनके हाथों मे
वे ही हुकुमशाह आज गद्दार नज़र आते है
खंड खंड मे खंडित भारत रो रहा है ज़ोरों से
हर जाति , हर धर्म के, ठेकेदार नज़र आते है
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Mohammad Touhid
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«Reply #1 on: November 09, 2013, 01:54:26 PM »
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मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है ,
चोरों के संग पहरेदार नज़र आते है

ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ ,
रोशनी के दुश्मन चौकीदार नज़र आते है

हर गली में, हर सड़क पे ,मौन पड़ी है ज़िंदगी
हर जगह मरघट से हालात नज़र आते है

सुनता है आज कौन द्रौपदी की चीख़ को हर
जगह दुस्साशन सिपहसालार नज़र आते है

सत्ता से समझौता करके बिक गयी है लेखनी
ख़बरों को सिर्फ अब बाज़ार नज़र आते है

सच का साथ देना भी बन गया है जुर्म अब
सच्चे ही आज गुनाहगार नज़र आते है

मुल्क की हिफाज़त सौंपी है जिनके हाथों मे
वे ही हुकुमशाह आज गद्दार नज़र आते है

खंड खंड मे खंडित भारत रो रहा है ज़ोरों से
हर जाति , हर धर्म के, ठेकेदार नज़र आते है

waah waah bahut khoob.. Usual Smile Applause Applause Applause Applause
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khujli
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«Reply #2 on: November 09, 2013, 01:57:36 PM »
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मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है ,
चोरों के संग पहरेदार नज़र आते है
ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ ,
रोशनी के दुश्मन चौकीदार नज़र आते है
हर गली में, हर सड़क पे ,मौन पड़ी है ज़िंदगी
हर जगह मरघट से हालात नज़र आते है
सुनता है आज कौन द्रौपदी की चीख़ को हर
जगह दुस्साशन सिपहसालार नज़र आते है
सत्ता से समझौता करके बिक गयी है लेखनी
ख़बरों को सिर्फ अब बाज़ार नज़र आते है
सच का साथ देना भी बन गया है जुर्म अब
सच्चे ही आज गुनाहगार नज़र आते है
मुल्क की हिफाज़त सौंपी है जिनके हाथों मे
वे ही हुकुमशाह आज गद्दार नज़र आते है
खंड खंड मे खंडित भारत रो रहा है ज़ोरों से
हर जाति , हर धर्म के, ठेकेदार नज़र आते है


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sksaini4
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«Reply #3 on: November 09, 2013, 01:58:01 PM »
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amit_prakash_meet
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«Reply #4 on: November 09, 2013, 02:06:07 PM »
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बहुत बहुत बहुत खूब....आपकी सोच पर.....ढेरों दाद.....
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marhoom bahayaat
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«Reply #5 on: November 09, 2013, 04:17:10 PM »
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मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है ,
चोरों के संग पहरेदार नज़र आते है
ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ ,
रोशनी के दुश्मन चौकीदार नज़र आते है
हर गली में, हर सड़क पे ,मौन पड़ी है ज़िंदगी
हर जगह मरघट से हालात नज़र आते है
सुनता है आज कौन द्रौपदी की चीख़ को हर
जगह दुस्साशन सिपहसालार नज़र आते है
सत्ता से समझौता करके बिक गयी है लेखनी
ख़बरों को सिर्फ अब बाज़ार नज़र आते है
सच का साथ देना भी बन गया है जुर्म अब
सच्चे ही आज गुनाहगार नज़र आते है
मुल्क की हिफाज़त सौंपी है जिनके हाथों मे
वे ही हुकुमशाह आज गद्दार नज़र आते है
खंड खंड मे खंडित भारत रो रहा है ज़ोरों से
हर जाति , हर धर्म के, ठेकेदार नज़र आते है


nice,sir
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suman59
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«Reply #6 on: November 09, 2013, 04:32:13 PM »
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zarraa
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«Reply #7 on: November 09, 2013, 06:08:56 PM »
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Ahl E watan ki aawaaz uthaataa huwa ek asardaar qalaam ... dheron daad aap ko Manish ji ...  Applause Applause Applause
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ManishTiwari
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«Reply #8 on: November 13, 2013, 01:26:35 PM »
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Thanks!
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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