"दीपक"बता कब तक भारत की ही माँ बहिनें रोयेंगी ।

by kavyadharateam on February 20, 2019, 10:26:54 AM
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kavyadharateam
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फ़क़ीर मुल्क़, हलकान आवाम, पागल हुक्मरान।
दर दर पे भीख माँग रहा  बदनीयत  पाकिस्तान।।

एक  रोज़  लगाई आग तेरी  घर  तेरा ही फूंकेगी ।
रोयेगा तू  उस  रोज़  क्यूँ  तूने पाला था तालिबान।।

ऐवज़ में तेरे गुनाहों की क़ौम हो जायेगी नेस्तनाबूद ।
कल नस्लें सुनेंगी दास्तान एक होता था पाकिस्तान।।

हम  बाप  हैं  तेरे  और  हमेशा तेरे बाप ही रहेंगे।
तू औलाद है निकम्मी तेरी मंज़िल बस कब्रिस्तान।।

जैसा मसीहा  जिसका  फितरत  भी  उसकी  वैसी।
हिन्दू होता यूँ अहिंसावादी और जिहादी मुसलमान।।

जब तक लहूं न खौला  भारत  अमनपरस्त ही रहा ।
गर  बात  आन  पे  आई तो तेरी ख़ैर नहीं जहान ।।

कब का फ़ना हो जाता गर खेल सियासत न खेलती।
मिट  दुनिया  से  ही  जाता पाक  तेरा नामोनिशान।।

इस धरती की गोद में अब भी शिव राम कृष्ण खेलते।
सुन ले ओ! मूसा दोज़ख़ में ही अब होगा तेरा मकान।।

"दीपक"बता कब तक भारत की ही माँ बहिनें रोयेंगी ।
अब कोख़ सुहाग मिटने का दर्द तू सहेगा पाकिस्तान।।

@ दीपक शर्मा
http://www.Thank you!
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«Reply #1 on: February 20, 2019, 07:51:38 PM »
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फ़क़ीर मुल्क़, हलकान आवाम, पागल हुक्मरान।
दर दर पे भीख माँग रहा  बदनीयत  पाकिस्तान।।

एक  रोज़  लगाई आग तेरी  घर  तेरा ही फूंकेगी ।
रोयेगा तू  उस  रोज़  क्यूँ  तूने पाला था तालिबान।।

ऐवज़ में तेरे गुनाहों की क़ौम हो जायेगी नेस्तनाबूद ।
कल नस्लें सुनेंगी दास्तान एक होता था पाकिस्तान।।

हम  बाप  हैं  तेरे  और  हमेशा तेरे बाप ही रहेंगे।
तू औलाद है निकम्मी तेरी मंज़िल बस कब्रिस्तान।।

जैसा मसीहा  जिसका  फितरत  भी  उसकी  वैसी।
हिन्दू होता यूँ अहिंसावादी और जिहादी मुसलमान।।

जब तक लहूं न खौला  भारत  अमनपरस्त ही रहा ।
गर  बात  आन  पे  आई तो तेरी ख़ैर नहीं जहान ।।

कब का फ़ना हो जाता गर खेल सियासत न खेलती।
मिट  दुनिया  से  ही  जाता पाक  तेरा नामोनिशान।।

इस धरती की गोद में अब भी शिव राम कृष्ण खेलते।
सुन ले ओ! मूसा दोज़ख़ में ही अब होगा तेरा मकान।।

"दीपक"बता कब तक भारत की ही माँ बहिनें रोयेंगी ।
अब कोख़ सुहाग मिटने का दर्द तू सहेगा पाकिस्तान।।

@ दीपक शर्मा
http://www.Thank you!
waah waah kyaa baat hai.
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