या गम न दिया होता या दिल न दिया होता

by raajaindra on April 23, 2013, 05:11:23 AM
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raajaindra
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या रब! गम-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता
जो हाथ जिगर पे है वो दस्त -ए-दुआ होता

इक इश्क का गम आफत और उस पे ये दिल आफत
या गम न दिया होता या दिल न दिया होता

गैरों से कहा तुम ने गैरों से सूना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सूना होता

उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वादा न वफ़ा करते वादा तो किया होता

नाकाम-ए-तमन्ना दिल इस सोच में रहता है
यूं होता तो क्या होता यूं न होता तो क्या होता
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«Reply #1 on: April 23, 2013, 10:35:54 AM »
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«Reply #2 on: April 23, 2013, 11:27:53 AM »
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Bhupinder Kaur
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«Reply #3 on: April 23, 2013, 11:44:15 AM »
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या रब! गम-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता
जो हाथ जिगर पे है वो दस्त -ए-दुआ होता

इक इश्क का गम आफत और उस पे ये दिल आफत
या गम न दिया होता या दिल न दिया होता

गैरों से कहा तुम ने गैरों से सूना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सूना होता

उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वादा न वफ़ा करते वादा तो किया होता

नाकाम-ए-तमन्ना दिल इस सोच में रहता है
यूं होता तो क्या होता यूं न होता तो क्या होता
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Bilkul Sahi Kaha
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anmolarora
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«Reply #4 on: April 23, 2013, 12:00:19 PM »
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bahut khoob
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #5 on: April 23, 2013, 12:08:58 PM »
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sarfira
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«Reply #6 on: April 23, 2013, 12:34:08 PM »
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beautiful sharing
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Satish Shukla
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«Reply #7 on: April 23, 2013, 01:02:37 PM »
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या रब! गम-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता
जो हाथ जिगर पे है वो दस्त -ए-दुआ होता

इक इश्क का गम आफत और उस पे ये दिल आफत
या गम न दिया होता या दिल न दिया होता

गैरों से कहा तुम ने गैरों से सूना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सूना होता

उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वादा न वफ़ा करते वादा तो किया होता

नाकाम-ए-तमन्ना दिल इस सोच में रहता है
यूं होता तो क्या होता यूं न होता तो क्या होता
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Waaah waaah...bahut khoob...Raqeeb Lucknowi
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #8 on: April 23, 2013, 01:43:53 PM »
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waaah waah waaah.....Bahut hi behtareen rahi ye Ghazal ...Dheron Dili Daaad...
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suman59
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«Reply #9 on: April 23, 2013, 01:50:58 PM »
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या रब! गम-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता
जो हाथ जिगर पे है वो दस्त -ए-दुआ होता

इक इश्क का गम आफत और उस पे ये दिल आफत
या गम न दिया होता या दिल न दिया होता

गैरों से कहा तुम ने गैरों से सूना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सूना होता

उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वादा न वफ़ा करते वादा तो किया होता

नाकाम-ए-तमन्ना दिल इस सोच में रहता है
यूं होता तो क्या होता यूं न होता तो क्या होता
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Wah wah bahut khoob.thanks for sharing
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RAJAN KONDAL
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«Reply #10 on: April 23, 2013, 02:26:18 PM »
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gud sharing dear...
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marhoom bahayaat
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«Reply #11 on: April 23, 2013, 03:39:55 PM »
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या रब! गम-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता
जो हाथ जिगर पे है वो दस्त -ए-दुआ होता

इक इश्क का गम आफत और उस पे ये दिल आफत
या गम न दिया होता या दिल न दिया होता

गैरों से कहा तुम ने गैरों से सूना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सूना होता

उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वादा न वफ़ा करते वादा तो किया होता

नाकाम-ए-तमन्ना दिल इस सोच में रहता है
यूं होता तो क्या होता यूं न होता तो क्या होता
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nice,sir
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ParwaaZ
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«Reply #12 on: April 23, 2013, 05:24:43 PM »
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Rajindra Jee Aadaab....!


Behad khoob sharing ki hai janab just awesome ...
Humari hazaaroN daad O mubbarakbad kabul kijiye is umdaa choice ke liye... Usual Smile

Likhate rahiye... aate rahiye...
Shaad O aabaad rahiye...

Khudaa Hafez... Usual Smile

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sksaini4
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«Reply #13 on: April 23, 2013, 08:42:16 PM »
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beautiful beautiful
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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