हम सब दोषी हैं दिल्ली की घटना के

by anmolarora on April 22, 2013, 07:56:22 PM
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anmolarora
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इस दुनिया ने जब भी कमाई काली दी ,
मेरे अंतरमन ने  मुझ  को   गाली दी   I
   
सच्चाई के रस्ते चलता  हूँ दिन भर ,
अक्सर शामो ने है खाली थाली दी ।
 
शुकराना  हर रूखी सूखी  रोटी का ,
लड़ने की इच्छा बेहद बलशाली दी ।
 
खूं से हमने सींचा अपनी माटी को ,
तब मालिक ने होली और दिवाली दी ।
 
हम सब दोषी हैं दिल्ली की घटना के ,
हमने कौरव के हाथों पांचाली दी ।
 
निज हित दड़बे  में सोये वीरों जागो ,
तुम शेरों  के मुंह में किसने जाली दी ।
 
आम आदमी से वो खास हुए पल में
हमने जिनको सत्ता की दोनाली दी ।
 
सिस्टम ने गढ़ डाले सौ भ्रष्टाचारी ,
सहने को ये जनता भोली भाली दी ।
 
ट्वेंटी ट्वेंटी के युग में मौला मेरे ,
क्यों कंसों को इतनी लम्बी पाली दी ।
 
कुछ दोषी हममें भी हैं और हैं बेशक ,
क्यों तेरे झूठे वादों पर ताली दी ।
 
             - अभिनव अरुण

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pawan16
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«Reply #1 on: April 22, 2013, 08:10:21 PM »
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इस दुनिया ने जब भी कमाई काली दी ,
मेरे अंतरमन ने  मुझ  को   गाली दी   I
   
सच्चाई के रस्ते चलता  हूँ दिन भर ,
अक्सर शामो ने है खाली थाली दी ।
 
शुकराना  हर रूखी सूखी  रोटी का ,
लड़ने की इच्छा बेहद बलशाली दी ।
 
खूं से हमने सींचा अपनी माटी को ,
तब मालिक ने होली और दिवाली दी ।
 
हम सब दोषी हैं दिल्ली की घटना के ,
हमने कौरव के हाथों पांचाली दी ।
 
निज हित दड़बे  में सोये वीरों जागो ,
तुम शेरों  के मुंह में किसने जाली दी ।
 
आम आदमी से वो खास हुए पल में
हमने जिनको सत्ता की दोनाली दी ।
 
सिस्टम ने गढ़ डाले सौ भ्रष्टाचारी ,
सहने को ये जनता भोली भाली दी ।
 
ट्वेंटी ट्वेंटी के युग में मौला मेरे ,
क्यों कंसों को इतनी लम्बी पाली दी ।
 
कुछ दोषी हममें भी हैं और हैं बेशक ,
क्यों तेरे झूठे वादों पर ताली दी ।
 
             - अभिनव अरुण



Bhut BHut acha likha hai jisne bhi likha hai........
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sksaini4
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«Reply #2 on: April 22, 2013, 08:30:37 PM »
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bahut sunder
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anmolarora
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«Reply #3 on: April 22, 2013, 09:54:00 PM »
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Bhut BHut acha likha hai jisne bhi likha hai........
sukriya pawan ji
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anmolarora
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«Reply #4 on: April 22, 2013, 09:54:31 PM »
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bahut sunder
tah dil se sukriya sk saini ji
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #5 on: April 23, 2013, 03:12:41 AM »
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nice.
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anmolarora
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«Reply #6 on: April 23, 2013, 12:20:04 PM »
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nice.
sukriya ravinder ji
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