गर्वित होकर देश का गुणगान करूँगा

by kavyadharateam on February 10, 2015, 07:15:59 AM
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kavyadharateam
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गर्वित  होकर देश का गुणगान करूँगा
अपने  हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा

है पता   मंथन  में निकलेगा  गरल भी

किन्तु मैं बनके शिवा विषपान करूँगा।




जग रोकना चाहेगा कर उत्पन्न बाधा


लिख सके न हिन्द फिर से गौरव गाथा

फिर से बेड़ी में जकड जाये भारत माता

मैं जीवन तेरी आन में बलिदान करूँगा।

गर्वित  होकर  देश  का गुणगान करूँगा

अपने  हिन्दू होने  पर अभिमान करूँगा।




मित्र ! ध्वज हमारा आन अपनी शान है

सब  इसकी  गरिमा के लिए कुरबान है

इस धरा की अस्मिता   गीता- ज्ञान  है

प्राण आहुति दे  इनका सम्मान करूँगा।

गर्वित  होकर  देश का गुणगान करूँगा

अपने हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा।




यहाँ धर्म -कर्म, नर- नारी, देवी- देवता

गऊ,वृक्ष,ग्रह ,जल, पितृ को मनु पूजता

गदा ,शंख, चक्र,त्रिशूल की पुण्य  मह्त्ता

राह गंगा,काशी,राम की आसान करूँगा।

गर्वित  होकर   देश का गुणगान करूँगा

अपने  हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा।  




जो नभ नित करता सुशोभित  वो  इंदु है

हो बिंदु -बिंदु जिसमे समाहित वो सिंधु है

सब धर्मो का जनक मूल धर्म ही हिन्दू  है

सब वर्णों का जीवन भर  उत्थान करूँगा।


गर्वित  होकर   देश का गुणगान करूँगा

अपने  हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा।  

@ दीपक शर्मा

http://www.Thank you!
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kavyadharateam
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«Reply #1 on: February 10, 2015, 07:16:22 AM »
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गर्वित  होकर देश का गुणगान करूँगा
अपने  हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा

है पता   मंथन  में निकलेगा  गरल भी

किन्तु मैं बनके शिवा विषपान करूँगा।




जग रोकना चाहेगा कर उत्पन्न बाधा


लिख सके न हिन्द फिर से गौरव गाथा

फिर से बेड़ी में जकड जाये भारत माता

मैं जीवन तेरी आन में बलिदान करूँगा।

गर्वित  होकर  देश  का गुणगान करूँगा

अपने  हिन्दू होने  पर अभिमान करूँगा।




मित्र ! ध्वज हमारा आन अपनी शान है

सब  इसकी  गरिमा के लिए कुरबान है

इस धरा की अस्मिता   गीता- ज्ञान  है

प्राण आहुति दे  इनका सम्मान करूँगा।

गर्वित  होकर  देश का गुणगान करूँगा

अपने हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा।




यहाँ धर्म -कर्म, नर- नारी, देवी- देवता

गऊ,वृक्ष,ग्रह ,जल, पितृ को मनु पूजता

गदा ,शंख, चक्र,त्रिशूल की पुण्य  मह्त्ता

राह गंगा,काशी,राम की आसान करूँगा।

गर्वित  होकर   देश का गुणगान करूँगा

अपने  हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा।  




जो नभ नित करता सुशोभित  वो  इंदु है

हो बिंदु -बिंदु जिसमे समाहित वो सिंधु है

सब धर्मो का जनक मूल धर्म ही हिन्दू  है

सब वर्णों का जीवन भर  उत्थान करूँगा।


गर्वित  होकर   देश का गुणगान करूँगा

अपने  हिन्दू होने पर अभिमान करूँगा।  

@ दीपक शर्मा

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SURESH SANGWAN
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«Reply #2 on: February 10, 2015, 10:54:11 AM »
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jeet jainam
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«Reply #3 on: February 10, 2015, 04:17:39 PM »
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Waaaahhhhhh bohat khub
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kavyadharateam
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«Reply #4 on: March 21, 2015, 03:23:09 PM »
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shukria
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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