भूली मोहबत की दास्तान हो तुम

by anmolarora on November 12, 2013, 08:04:23 PM
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anmolarora
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भूली मुहब्बत की दास्तान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो ,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,
भूली मुहब्बत की दास्तान हो तुम ,


सुना है बूंद बूंद से तालाब भरता है ,
मै भी दो चार बूंद अश्को से ,
तालाब भर रहा हू ,
क्या जल्द ही ऐसा होगा ,
ये तालाब लबालब भरेगा ,
जिसे देख तेरा भी ,पत्थर दिल पिघलेगा ,
पर शायद .................
क्योकि जिसका कोई भविष्य नहीं ,
वो हसीन अरमान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,


कब ख़त्म होगा यह अँधेरा ,
और आयेगा एक सुनहला सबेरा ,
ताकि मैं भी ख्वाब से जागकर ,
हकीक़त की दुनिया मे कदम रखू ,
शतरंज की तरह उलझे ,
इस दुनिया को समझ सकू ,
पर "बागी" की आत्मा धिक्कारती है ,
कि तुम नहीं समझोगे ........
क्योकि अनाड़ी,नासमझ, पागल इंसान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,
भूली मोहबत की दास्तान हो तुम .


....Ganesh Jee "Bagi"....
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sksaini4
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«Reply #1 on: November 12, 2013, 08:45:30 PM »
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bahut khoob anmol
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ambalika sharma
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«Reply #2 on: November 12, 2013, 08:50:20 PM »
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nice one..
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khujli
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«Reply #3 on: November 12, 2013, 10:07:05 PM »
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भूली मुहब्बत की दास्तान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो ,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,
भूली मुहब्बत की दास्तान हो तुम ,


सुना है बूंद बूंद से तालाब भरता है ,
मै भी दो चार बूंद अश्को से ,
तालाब भर रहा हू ,
क्या जल्द ही ऐसा होगा ,
ये तालाब लबालब भरेगा ,
जिसे देख तेरा भी ,पत्थर दिल पिघलेगा ,
पर शायद .................
क्योकि जिसका कोई भविष्य नहीं ,
वो हसीन अरमान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,


कब ख़त्म होगा यह अँधेरा ,
और आयेगा एक सुनहला सबेरा ,
ताकि मैं भी ख्वाब से जागकर ,
हकीक़त की दुनिया मे कदम रखू ,
शतरंज की तरह उलझे ,
इस दुनिया को समझ सकू ,
पर "बागी" की आत्मा धिक्कारती है ,
कि तुम नहीं समझोगे ........
क्योकि अनाड़ी,नासमझ, पागल इंसान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,
भूली मोहबत की दास्तान हो तुम .


....Ganesh Jee "Bagi"....



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«Reply #4 on: November 13, 2013, 12:28:04 AM »
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nandbahu
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«Reply #5 on: November 13, 2013, 09:07:12 AM »
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bahut khoob
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sidra04
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«Reply #6 on: November 13, 2013, 05:02:06 PM »
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कब ख़त्म होगा यह अँधेरा ,
और आयेगा एक सुनहला सबेरा ,
ताकि मैं भी ख्वाब से जागकर ,
हकीक़त की दुनिया मे कदम रखू ,
शतरंज की तरह उलझे ,
इस दुनिया को समझ सकू ,
पर "बागी" की आत्मा धिक्कारती है ,
कि तुम नहीं समझोगे ........
क्योकि अनाड़ी,नासमझ, पागल इंसान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,
भूली मोहबत की दास्तान हो तुम

very nice poem..... too good.

Sidra
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aqsh
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«Reply #7 on: November 13, 2013, 09:11:44 PM »
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waaaaaah... bahut khoooooooob... dheron daaaaaaaaad...
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anmolarora
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«Reply #8 on: November 20, 2013, 09:02:33 PM »
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bahut khoob anmol
sukriya sk saini ji
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anmolarora
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«Reply #9 on: November 20, 2013, 09:03:13 PM »
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nice one..
tah dil se sukriya ambalika ji
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anmolarora
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«Reply #10 on: November 20, 2013, 09:03:54 PM »
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 Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP
Qalib ji aap ka bahut bahut sukriya
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anmolarora
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«Reply #11 on: November 20, 2013, 09:04:40 PM »
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dk saxna ji aap ka tah dil se sukriya
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anmolarora
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«Reply #12 on: November 20, 2013, 09:05:24 PM »
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bahut khoob
nand bahu ji pasand karne ke ley sukriya
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anmolarora
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«Reply #13 on: November 20, 2013, 09:06:10 PM »
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कब ख़त्म होगा यह अँधेरा ,
और आयेगा एक सुनहला सबेरा ,
ताकि मैं भी ख्वाब से जागकर ,
हकीक़त की दुनिया मे कदम रखू ,
शतरंज की तरह उलझे ,
इस दुनिया को समझ सकू ,
पर "बागी" की आत्मा धिक्कारती है ,
कि तुम नहीं समझोगे ........
क्योकि अनाड़ी,नासमझ, पागल इंसान हो तुम ,
जहाँ सूरज चाँद सितारे न हो,
वो बदला हुआ आसमान हो तुम ,
भूली मोहबत की दास्तान हो तुम

very nice poem..... too good.

Sidra
sidra ji aap ka bahut bahut sukriya
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anmolarora
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«Reply #14 on: November 20, 2013, 09:06:48 PM »
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waaaaaah... bahut khoooooooob... dheron daaaaaaaaad...
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aqsh ji aap ka sukriya
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