mixie
Guest
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हवा-ए-सर्द चली और किसी की याद आयी लो आज ये शाम ढली और किसी की याद आयी
ज़रा सी आहट से दिल धड़कने लगा ज़रा सी बात चली और किसी की याद आयी
जब भी ज़िक्र हुआ शमा परवानों का नज़र नज़र से मिली और किसी की याद आयी
लफ्ज़ महकते रहे सुर्ख गुलाबों से फिर से ग़ज़ल सुनी और किसी की याद आयी
Hawa-e-sard chali aur kisi ki yaad aayi Lo aaj ye sham dhali aur kisi ki yaad aayi
Zara si aahat se dil dhadakne laga Zara si baat chali aur kisi ki yaad aayi
Jab bhi zikr hua shama parwanon ka Nazar nazar se mili aur kisi ki yaad aayi
Lafz mahekte rahe surkh gulabon se Phir se ghazal suni aur kisi ki yaad aayi
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sksaini4
Ustaad ae Shayari
Rau: 853
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Gender:
Waqt Bitaya:112 days, 8 hours and 51 minutes.
Posts: 36414 Member Since: Apr 2011
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«Reply #1 on: December 04, 2013, 12:38:16 AM » |
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waah waah
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Saman Firdaus
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«Reply #2 on: December 04, 2013, 12:46:14 AM » |
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Achhaa Likha Hai..
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Gyan Prakash
Maqbool Shayar
Rau: 1
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Gender:
Waqt Bitaya:4 days, 14 minutes.
Solitude..!!
Posts: 465 Member Since: Jun 2011
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«Reply #3 on: December 04, 2013, 01:00:48 AM » |
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Lafz mahekte rahe surkh gulabon se Phir se ghazal suni aur kisi ki yaad aayi
Wah..bahut Khub..!! Dheron daad..!!
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khujli
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«Reply #4 on: December 04, 2013, 01:27:07 AM » |
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #5 on: December 04, 2013, 02:15:39 AM » |
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bahut khoob...
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vb
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«Reply #6 on: December 04, 2013, 02:11:34 PM » |
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Hawa-e-sard chali aur kisi ki yaad aayi Lo aaj sham dhali aur kisi ki yaad aayi
buhat he khoob... mixie jee
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aqsh
Guest
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«Reply #7 on: December 04, 2013, 02:20:52 PM » |
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premdeep
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«Reply #8 on: December 04, 2013, 02:23:27 PM » |
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prashad
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«Reply #9 on: December 04, 2013, 05:46:17 PM » |
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bahut khoob
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RAJAN KONDAL
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«Reply #10 on: December 04, 2013, 06:43:23 PM » |
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wha ...
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khamosh_aawaaz
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«Reply #11 on: December 04, 2013, 07:10:28 PM » |
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हवा-ए-सर्द चली और किसी की याद आयी लो आज ये शाम ढली और किसी की याद आयी
ज़रा सी आहट से दिल धड़कने लगा ज़रा सी बात चली और किसी की याद आयी
जब भी ज़िक्र हुआ शमा परवानों का नज़र नज़र से मिली और किसी की याद आयी
लफ्ज़ महकते रहे सुर्ख गुलाबों से फिर से ग़ज़ल सुनी और किसी की याद आयी
Hawa-e-sard chali aur kisi ki yaad aayi Lo aaj ye sham dhali aur kisi ki yaad aayi
Zara si aahat se dil dhadakne laga Zara si baat chali aur kisi ki yaad aayi
Jab bhi zikr hua shama parwanon ka Nazar nazar se mili aur kisi ki yaad aayi
Lafz mahekte rahe surkh gulabon se Phir se ghazal suni aur kisi ki yaad aayi
verii gud
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Mohammad Touhid
Umda Shayar
Rau: 35
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Waqt Bitaya:38 days, 12 hours and 35 minutes.
'I' 'Luv' d Way 'U' 'Forget' Me..!.!
Posts: 7160 Member Since: Aug 2009
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«Reply #12 on: December 04, 2013, 07:43:22 PM » |
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #13 on: December 05, 2013, 12:53:03 AM » |
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suman59
Guest
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«Reply #14 on: December 05, 2013, 01:37:34 AM » |
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हवा-ए-सर्द चली और किसी की याद आयी लो आज ये शाम ढली और किसी की याद आयी
ज़रा सी आहट से दिल धड़कने लगा ज़रा सी बात चली और किसी की याद आयी
जब भी ज़िक्र हुआ शमा परवानों का नज़र नज़र से मिली और किसी की याद आयी
लफ्ज़ महकते रहे सुर्ख गुलाबों से फिर से ग़ज़ल सुनी और किसी की याद आयी
wah wah
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