**** समझो.....!! ****

by Saahir10 on March 31, 2012, 07:54:58 AM
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Saahir10
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कैसे कहूँ के याद बहोत आते हो ,
दिन रात चारो पहर सताते हो ...
एक हम ही हैं जो संदेसा भेजते हैं,
न जाने क्यों तुम बेवजह मुस्कराते हो....

... दिलकश अंदाज़ तुम्हारा सबको पसंद आता है
हर कोई तुम से दिल लगाना चाहता है...
पर मानो मेरी बदल डालो खुदको...
बेवजह क्यों मेरे दिल को जलाते हो...

मैं खुश हूँ जब तलक तुम अकेले हो..
बस युही बिखर जाता हु...
जब तुम अपने रिश्ते की बात बताते हो...

काश ये दुनिया इंसानियत जानती
प्यार के मायने समझाती..
रहती न हम दोनों के बीच मज़हब की कोई दीवार..
अगर तुम यूँ चुप न हो जाती...............

मुझे मालुम है मैंने तुम्हे समय न दिया..
पर तुम्हारा दिल जानता है....की
एक ऐसा पल नहीं जब तुमको याद न किया....!!

न जाने तुम्हारे ज़िन्दगी में क्या हुआ...
किस शख्स ने तुम्हे दर्द दिया...
वोही ज़हर ही तो तुमने दिया..
पर मेरे दर्द का ख्याल न किया ....

मुझे मालुम है तुम्हारे अन्दर भी एक दर्द का समंदर है....
पर यह जानलो सच सुनेहरा है..के
मेरे प्यार का समंदर तुम्हारी सोच से भी गहरा है.....

यह दिल किसी के लिए यूँ धड्केगा न धड़का है....
बस ये मानलो,,,जुदा होने से पहले
यह तो सिर्फ तुम पे आके ठहरा है....
यह तो सिर्फ तुम पे आके ठहरा है....... !!
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sksaini4
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«Reply #1 on: March 31, 2012, 07:58:06 AM »
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good keep it up
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Saahir10
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«Reply #2 on: March 31, 2012, 07:59:11 AM »
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thnx saini sir..
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sarfira
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«Reply #3 on: March 31, 2012, 04:30:24 PM »
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कैसे कहूँ के याद बहोत आते हो ,
दिन रात चारो पहर सताते हो ...
एक हम ही हैं जो संदेसा भेजते हैं,
न जाने क्यों तुम बेवजह मुस्कराते हो....

... दिलकश अंदाज़ तुम्हारा सबको पसंद आता है
हर कोई तुम से दिल लगाना चाहता है...
पर मानो मेरी बदल डालो खुदको...
बेवजह क्यों मेरे दिल को जलाते हो...

मैं खुश हूँ जब तलक तुम अकेले हो..
बस युही बिखर जाता हु...
जब तुम अपने रिश्ते की बात बताते हो...

काश ये दुनिया इंसानियत जानती
प्यार के मायने समझाती..
रहती न हम दोनों के बीच मज़हब की कोई दीवार..
अगर तुम यूँ चुप न हो जाती...............

मुझे मालुम है मैंने तुम्हे समय न दिया..
पर तुम्हारा दिल जानता है....की
एक ऐसा पल नहीं जब तुमको याद न किया....!!

न जाने तुम्हारे ज़िन्दगी में क्या हुआ...
किस शख्स ने तुम्हे दर्द दिया...
वोही ज़हर ही तो तुमने दिया..
पर मेरे दर्द का ख्याल न किया ....

मुझे मालुम है तुम्हारे अन्दर भी एक दर्द का समंदर है....
पर यह जानलो सच सुनेहरा है..के
मेरे प्यार का समंदर तुम्हारी सोच से भी गहरा है.....

यह दिल किसी के लिए यूँ धड्केगा न धड़का है....
बस ये मानलो,,,जुदा होने से पहले
यह तो सिर्फ तुम पे आके ठहरा है....
यह तो सिर्फ तुम पे आके ठहरा है....... !!
bahot khoob janaab
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dolly
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«Reply #4 on: April 01, 2012, 11:01:03 AM »
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bahut bahut khoob.....
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dolly
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«Reply #5 on: April 01, 2012, 11:02:13 AM »
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bahut bahut khoob.....
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«Reply #6 on: April 02, 2012, 02:32:41 PM »
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Saahir ji bahut bahut khoobsurat kavita likhi hai aapne... apne ehsason ko bade ki khoobsurat andaaz me shabdon me utaara hai aur kya khoob utaara hai... bahut bahut pasand aayi humko aapki ye rachna .. yunhi humein aap apni rachnaayen padhaate rahiye... bahut bahut bahut khoob janaab....!!!

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