SURESH SANGWAN
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सिवा तिरे मेरी दुनियाँ में कोई कमी नहीं है जब उठा है कदम तो पाँव तले ज़मीं नहीं है
यूँ मीठे गीत गाते हो ज्यों गाती है हयात कोई साज़- ओ- आवाज़ ऐसा दिलनशीं नहीं है
तिरी आँखों के समंदर में हैं भंवर बेहिसाब बचकर आ जाए कोई इसका मुझको यकीं नहीं है
हां तुम जहाँ जाओगे तस्वीर-ए-वफ़ा पाओगे निगाह-ए-जहाँ कोई तिरी आँख से हसीं नहीं है
चले बादा-ए-शसीम तुझसे महक जाएँ फ़िज़ाएं जन्नत है तुम हो जहाँ और तो कहीं नहीं है
तक़दीर की लकीरों में नहीं तो वो मिले कैसे हालात ही कहते हैं कि इनका कोई मकीं नहीं है
अब भी उलफत से छलके है पैमाना-ए-दिल उसका आज भी'सरु'की ख़ातिर कोई चीन-ए-ज़बीं नहीं है
bada-e-shaseem-----mehakati hawaa cheen-e-zabeen------maathe ka shikan
Siwaa tere meri duniaN meiN koi kami nahiN hai Jab utha hai kadam ti panw tale zameeN nahiN hai
Yun meethe geet gaate ho jyuN gaati hai hayaat Koi saaz-o-aawaaz aisa dil -nasheeN nahiN hai
Teri aankhoN ke samandar meiN haiN bhanwar behisaab Bachkar aa jaaye koi iska mujhko yakeeN nahiN hai
HaaN tum jahaaN jaaoge tasveer-e-wafaa paaoge Nigah-e-jahaaN koi teri aankh se haseeN nahiN hai
Chale baadaa-e-shaseem tujhse mehak jayeN fizayeN Jannat hai tum ho jahaaN aur to kahiN nahiN hai
Taqdeer ki lakeeroN meiN nahiN to vo mile kaise Haalat hi kehte haiN ki Inka koi makeeN nahiN hai
Ab bhi ulfat se chhalke hai paimaanaa-e-dil uska Aaj bhi'saru’ki khaatir koi cheen-e-zabeeN nahiN hai
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sksaini4
Ustaad ae Shayari
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«Reply #1 on: January 05, 2014, 09:18:23 PM » |
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waah waah bahut khoob
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dksaxenabsnl
YOS Friend of the Month
Yoindian Shayar
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खुश रहो खुश रहने दो l
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«Reply #2 on: January 05, 2014, 09:48:53 PM » |
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suman59
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«Reply #3 on: January 05, 2014, 09:52:11 PM » |
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सिवा तिरे मेरी दुनियाँ में कोई कमी नहीं है जब उठा है कदम तो पाँव तले ज़मीं नहीं है
यूँ मीठे गीत गाते हो ज्यों गाती है हयात कोई साज़- ओ- आवाज़ ऐसा दिलनशीं नहीं है
तिरी आँखों के समंदर में हैं भंवर बेहिसाब बचकर आ जाए कोई इसका मुझको यकीं नहीं है
हां तुम जहाँ जाओगे तस्वीर-ए-वफ़ा पाओगे निगाह-ए-जहाँ कोई तिरी आँख से हसीं नहीं है
चले बादा-ए-शसीम तुझसे महक जाएँ फ़िज़ाएं जन्नत है तुम हो जहाँ और तो कहीं नहीं है
तक़दीर की लकीरों में नहीं तो वो मिले कैसे हालात ही कहते हैं कि इनका कोई मकीं नहीं है
अब भी उलफत से छलके है पैमाना-ए-दिल उसका आज भी'सरु'की ख़ातिर कोई चीन-ए-ज़बीं नहीं है
bada-e-shaseem-----mehakati hawaa cheen-e-zabeen------maathe ka shikan
wah wah bahut hi khoob
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adil bechain
Umda Shayar
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«Reply #4 on: January 05, 2014, 10:12:18 PM » |
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SURESH SANGWAN
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«Reply #6 on: January 06, 2014, 01:34:23 AM » |
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thankewww sksaini ji waah waah bahut khoob
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Bishwajeet Anand Bsu
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«Reply #7 on: January 06, 2014, 01:34:43 AM » |
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WAAH WAAH WAAH SURESH JEE BEHTAREEN PESHKASH.. HAR BAAR KI TARAH LAJAWAAB.....
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SURESH SANGWAN
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«Reply #8 on: January 06, 2014, 01:35:00 AM » |
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thankewww very much dksaxena ji
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SURESH SANGWAN
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«Reply #11 on: January 06, 2014, 01:39:15 AM » |
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thankeeeewwwwww soooooooooooooo much sudhir ji
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SURESH SANGWAN
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«Reply #12 on: January 06, 2014, 01:40:02 AM » |
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amit_prakash_meet
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«Reply #13 on: January 06, 2014, 12:44:59 PM » |
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वाह...बहुत खूब......
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Miru;;;;
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«Reply #14 on: January 06, 2014, 12:51:27 PM » |
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