एक लड़की से मुझको वफ़ा हो गई

by charanjit chandwal on December 16, 2011, 02:04:59 PM
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charanjit chandwal
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एक लड़की से मुझको वफ़ा हो गई,
फ़िर वो मेरे लिये बस ख़ुदा हो गई।
हम घड़ी दो घड़ी को मिले थे फ़क़त ,
उम्र भर के लिए वो ज़ुदा हो गई।

हुस्न उसका  पहाड़ों पे जैसे बरफ़,
नूर बिखरा गई वो चली जिस  तरफ़।
उसकी ज़ुलफ़ों में उलझी निगाहें बहुत,
भुल जाते थे घर की ही राहें बहुत,
इक नज़र देखने की ख़ता हो गई ।

जिसने देखा उसे मुस्कुराते हुए,
वो गया गीत उसके ही गाते हुए।
हँस के बोली अगर तो दीवाना हुआ,
दिल अपना भी यूँ ही बेगाना हुआ ।  
उस गली से निकलने की सज़ा हो गई ,

देखने में बताऊँ क्या कैसी थी वो,
खूबसूरत खुद उसके ही जैसी थी वो।
मूँह छुपाते फिरें देख उसको गुलाब,  
पत्थरों के शहर में था ऐसा शबाब।
चाँदनी चाँद की भी हवा हो गई,

इक मुलाक़ात ही बस बहाना बनी,
फिर मोहब्बत हुई जो फ़साना बनी।
फिर जमाने बुरे की नज़र पड़ गई,
झूठी मेरी ज़फ़ाओं की खबर उड़ गई,
फिर वो जाने-तमन्‍ना खफ़ा हो गई,
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adil bechain
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«Reply #1 on: December 16, 2011, 04:02:44 PM »
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एक लड़की से मुझको वफ़ा हो गई,
फ़िर वो मेरे लिये बस ख़ुदा हो गई।
हम घड़ी दो घड़ी को मिले थे फ़क़त ,
उम्र भर के लिए वो ज़ुदा हो गई।

हुस्न उसका  पहाड़ों पे जैसे बरफ़,
नूर बिखरा गई वो चली जिस  तरफ़।
उसकी ज़ुलफ़ों में उलझी निगाहें बहुत,
भुल जाते थे घर की ही राहें बहुत,
इक नज़र देखने की ख़ता हो गई ।

जिसने देखा उसे मुस्कुराते हुए,
वो गया गीत उसके ही गाते हुए।
हँस के बोली अगर तो दीवाना हुआ,
दिल अपना भी यूँ ही बेगाना हुआ । 
उस गली से निकलने की सज़ा हो गई ,

देखने में बताऊँ क्या कैसी थी वो,
खूबसूरत खुद उसके ही जैसी थी वो।
मूँह छुपाते फिरें देख उसको गुलाब, 
पत्थरों के शहर में था ऐसा शबाब।
चाँदनी चाँद की भी हवा हो गई,


इक मुलाक़ात ही बस बहाना बनी,
फिर मोहब्बत हुई जो फ़साना बनी।
फिर जमाने बुरे की नज़र पड़ गई,
झूठी मेरी ज़फ़ाओं की खबर उड़ गई,
फिर वो जाने-तमन्‍ना खफ़ा हो गई,

achcha hai ji


aakhri  stanza ki pahli line ko sudhar lein.
..ek mulaqaat hi buss bahanaa bana
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mkv
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«Reply #2 on: December 16, 2011, 05:05:49 PM »
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bAHUT KHOOB
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Raqeeb
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«Reply #3 on: December 16, 2011, 06:05:45 PM »
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एक लड़की से मुझको वफ़ा हो गई,
फ़िर वो मेरे लिये बस ख़ुदा हो गई।
हम घड़ी दो घड़ी को मिले थे फ़क़त ,
उम्र भर के लिए वो ज़ुदा हो गई।

हुस्न उसका  पहाड़ों पे जैसे बरफ़,
नूर बिखरा गई वो चली जिस  तरफ़।
उसकी ज़ुलफ़ों में उलझी निगाहें बहुत,
भुल जाते थे घर की ही राहें बहुत,
इक नज़र देखने की ख़ता हो गई ।

जिसने देखा उसे मुस्कुराते हुए,
वो गया गीत उसके ही गाते हुए।
हँस के बोली अगर तो दीवाना हुआ,
दिल अपना भी यूँ ही बेगाना हुआ । 
उस गली से निकलने की सज़ा हो गई ,

देखने में बताऊँ क्या कैसी थी वो,
खूबसूरत खुद उसके ही जैसी थी वो।
मूँह छुपाते फिरें देख उसको गुलाब, 
पत्थरों के शहर में था ऐसा शबाब।
चाँदनी चाँद की भी हवा हो गई,

इक मुलाक़ात ही बस बहाना बनी,
फिर मोहब्बत हुई जो फ़साना बनी।
फिर जमाने बुरे की नज़र पड़ गई,
झूठी मेरी ज़फ़ाओं की खबर उड़ गई,
फिर वो जाने-तमन्‍ना खफ़ा हो गई,

Bohot Khoob
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ParwaaZ
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«Reply #4 on: December 16, 2011, 07:04:21 PM »
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Charanjit Jee Aadaab!

Kia baat hai janab bada khoob nagmaa lekar aayeN hai aap..
bahut hi khub kalaam rahi janab.. Ahsaas O khayaal ke kiaa
kaheN waah waah waah .. behad pyaare aur khubsurat khayaal
rahe janab.. Usual Smile

Humari dili daad O mubarakbad kabul kijiye.. Usual Smile

Likhate rahiye aate rahiye,
Khush O aabaad rahiye.. Khuda Hafez.. Usual Smile   



एक लड़की से मुझको वफ़ा हो गई,
फ़िर वो मेरे लिये बस ख़ुदा हो गई।
हम घड़ी दो घड़ी को मिले थे फ़क़त ,
उम्र भर के लिए वो ज़ुदा हो गई।

Janab bade Manchale lag raheN hai aap..  Winking
Just kiddin... ) kia ajnabi ladki thi
jisko aik baar dekhe aur aapko uski chahat ho gayi aur aik mulakhat ke bad
aise juda huyi ke umar bhar nahi mili Huh? Huh?     


हुस्न उसका  पहाड़ों पे जैसे बरफ़,
नूर बिखरा गई वो चली जिस  तरफ़।
उसकी ज़ुलफ़ों में उलझी निगाहें बहुत,
भुल जाते थे घर की ही राहें बहुत,
Applause Applause Applause
इक नज़र देखने की ख़ता हो गई ।

Waah janab bahut khoob.. badi khubsurti se husn ki tareef
ki hai bahut khoob janab daad Usual Smile   



देखने में बताऊँ क्या कैसी थी वो,
खूबसूरत खुद उसके ही जैसी थी वो।
Applause Applause Applause Applause Applause
मूँह छुपाते फिरें देख उसको गुलाब, 
पत्थरों के शहर में था ऐसा शबाब।
चाँदनी चाँद की भी हवा हो गई,

Applause Applause Applause Applause Applause
Yeh stanza hume sabse khubsurat laga janab.. just mindblowing..
Kia tareef ki hai waah jee waah bahut khoob.. aik gazab ka khayaal
bayaaN kiya hai janab daad daad daad Usual Smile
Aur aik umda tareef karne ka andaaz bhi sikha gaye aap hume  Winking   


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injured.warrior
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«Reply #5 on: December 16, 2011, 07:08:54 PM »
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bahut acche  Applause Applause Applause Applause Applause
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charanjit chandwal
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«Reply #6 on: December 17, 2011, 07:58:42 AM »
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Charanjit Jee Aadaab!

Kia baat hai janab bada khoob nagmaa lekar aayeN hai aap..
bahut hi khub kalaam rahi janab.. Ahsaas O khayaal ke kiaa
kaheN waah waah waah .. behad pyaare aur khubsurat khayaal
rahe janab.. Usual Smile

Humari dili daad O mubarakbad kabul kijiye.. Usual Smile

Likhate rahiye aate rahiye,
Khush O aabaad rahiye.. Khuda Hafez.. Usual Smile    



tahedil se shukriyA parvAZ jI .ApkI tarIf kI tArif ke liye mere paas alfAz nahI hain  
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charanjit chandwal
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«Reply #7 on: December 17, 2011, 08:03:37 AM »
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bAHUT KHOOB
बहुत बहुत धन्यवाद
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charanjit chandwal
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«Reply #8 on: December 17, 2011, 08:09:27 AM »
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Bohot Khoob

धन्यवाद
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