जहाँ पर सोच इंसान की न जहर उगलती हो ।।

by kavyadharateam on August 28, 2015, 01:46:36 PM
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kavyadharateam
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मेरे जेहन में कई बार ये ख्याल आया
 की ख्वाब के रंग से तेरी सूरत संवारूँ
 इश्क में पुरा डुबो दूँ तेरा हसीन पैकर
 हुस्न तेरा निखारू और ज्यादा निखारूँ ।

जुल्फ उलझाऊँ कभी तेरी जुल्फ सुलझाऊँ
 कब्भी सिर रखकर दामन में तेरे सो जाऊँ
 कभी तेरे गले लगकर बहा दूँ गम अपने
 कभी सीने से लिपटकर कहीं खो जाऊँ
 कभी तेरी नज़र में उतारूँ मैं ख़ुद को
 कभी अपनी नज़र में तेरा चेहरा उतारूँ।
 इश्क में पूरा डुबो दूँ तेरा हसीन पैकर
 हुस्न तेरा निखारू और ज्यादा निखारूँ ॥

 अपने हाथों में तेरा हाथ लिए चलता रहूँ
 सुनसान राहों पर, बेमंजिल और बेखबर
 भूलकर गम सभी, दर्द तमाम, रंज सभी
 डूबा तसव्वुर में बेपरवाह और बेफिक्र
 बस तेरा साथ रहे और सफर चलता रहे
 सूरज उगता रहे और चाँद निकलता रहे
 तेरी साँसों में सिमटकर मेरी सुबह निकले
 तेरे साए से लिपटकर मैं रात गुजारूँ
 इश्क में पुरा डुबो दूँ हँसीन पैकर
 हुस्न तेरा निखारूँ और ज्यादा निखारूँ ॥

 मगर ये इक तसव्वुर है मेरी जान - जिगर
 महज़ एक ख्वाब और ज्यादा कुछ भी नहीं
 हहिकत इतनी तल्ख है की क्या बयाँ करूँ
 मेरे पास कहने तलक को अल्फाज़ नहीं ।
 कहीं पर दुनिया दिलों को नहीं मिलने देती
 कहीं पर दरम्यान आती है कौम की बात
 कहीं पर अंगुलियाँ उठाते हैं जग के सरमाये
 कहीं पर गैर तो कहीं अपने माँ- बाप ॥

 कहीं दुनिया अपने ही रंग दिखाती है
 कहीं पर सिक्के बढ़ाते हैं और ज्यादा दूरी
 कहीं मिलने नहीं देता है और ज़ोर रुतबे का
 कहीं दम तोड़ देती है बेबस मजबूरी ॥

 अगर इस ख़्वाब का दुनिया को पता चल जाए
 ख़्वाब में भी तुझे ये दिल से न मिलने देगी
 कदम से कदम मिलकर चलना तो क़यामत
 तुझे क़दमों के निशान पे भी न चलने देगी ।

 चलो महबूब चलो , उस दुनिया की जानिब चलें
 जहाँ न दिन निकलता हो न रात ढलती हो
 जहाँ पर ख्वाब हकीकत में बदलते हों
 जहाँ पर सोच इंसान की न जहर उगलती हो ।।

@Deepak Sharma
http://www.Thank you!/





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jeet jainam
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«Reply #1 on: August 28, 2015, 06:36:34 PM »
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behad khubsurat rachna waaaaahhhhhhhhh daaaadddddddd
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Shikha sanghvi
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«Reply #2 on: August 28, 2015, 07:21:48 PM »
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Very very nice creation
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«Reply #3 on: August 28, 2015, 09:53:24 PM »
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bahut khoobsurat waah waah waaaaahhhhhhhhhhhhhh!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
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«Reply #4 on: August 29, 2015, 07:07:18 AM »
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श्री दीपक शर्मा जी, बहुत ही सुंदर रचना लिखी है आपने ढेरो दाद कबूल करे  Applause Applause Applause
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