तेरी खामोश निगाहें...

by Neel1525 on January 10, 2010, 10:50:13 AM
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Neel1525
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तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं
तेरी तन्हाई तेरा गम तेरे अफ़साने कहती हैं...

तेरी पलकों का वो उठ उठ के गिर जाना वो शर्माना
फिर लफ़्ज़ों का लब तक आकर वो दफ्न दिलों में हो जाना
मेरे दिल ने भी चाहा था तुझसे मिलना तेरा होना
चाहतें पर ये ऐसी हैं जो दिल में सुलगती रहती हैं....
तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं..

तेरी भोली मासूम अदा तेरे आँचल का लहराना
मेरे काँधों पे पल दो पल में जुल्फों का वो बिखर जाना
मेरी बाँहों में लुक छिप कर तेरा वो मुझसे लिपट जाना
तेरे दीदार की खातिर आँखें अब ये खुली ही रहती हैं...
तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं..

और कहूँ क्या तुझको बस इतना ही फकत है समझाना
तुझ बिन जीने से बेहतर है याद में तेरी मर जाना
आ जाओ के इस हाल में मुस्किल है मेरा बच पाना
आ जाओ के ये रातें अब मुझको जीने ना देती हैं

तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं..
तेरी तन्हाई तेरा गम तेरे अफ़साने कहती हैं...
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Neel1525
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«Reply #1 on: January 10, 2010, 11:06:20 AM »
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तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं
तेरी तन्हाई तेरा गम तेरे अफ़साने कहती हैं...

तेरी पलकों का वो उठ उठ के गिर जाना वो शर्माना
फिर लफ़्ज़ों का लब तक आकर वो दफ्न दिलों में हो जाना
मेरे दिल ने भी चाहा था तुझसे मिलना तेरा होना
चाहतें पर ये ऐसी हैं जो दिल में सुलगती रहती हैं....
तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं..

तेरी भोली मासूम अदा तेरे आँचल का लहराना
मेरे काँधों पे पल दो पल में जुल्फों का वो बिखर जाना
मेरी बाँहों में लुक छिप कर तेरा वो मुझसे लिपट जाना
तेरे दीदार की खातिर आँखें अब ये खुली ही रहती हैं...
तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं..

और कहूँ क्या तुझको बस इतना ही फकत है समझाना
तुझ बिन जीने से बेहतर है याद में तेरी मर जाना
आ जाओ के इस हाल में मुस्किल है मेरा बच पाना
आ जाओ के ये रातें अब मुझको जीने ना देती हैं

तेरी खामोश निगाहें जब मेरी नज़रों से मिलती हैं..
तेरी तन्हाई तेरा गम तेरे अफ़साने कहती हैं...
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pankshivam
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«Reply #2 on: January 10, 2010, 11:38:15 AM »
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BAHOOT KHOOB NEEL JI
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Rahi2001
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«Reply #3 on: January 10, 2010, 12:40:22 PM »
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wah wah wah wah kya baat hai neel sahab
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riyaz106
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«Reply #4 on: January 10, 2010, 05:45:51 PM »
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Achhi creation hai Neel ji.
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Rishi Agarwal
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«Reply #5 on: January 11, 2010, 11:24:23 AM »
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Bahut Khoob Neel JI
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Rajesh Harish
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«Reply #6 on: January 13, 2010, 07:10:14 AM »
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Bahut khoob Neel Ji
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