मुझे मेरे खवाबों से छुड़ा ऐ खुदा

by Preet.Dehlvi on August 04, 2011, 06:20:33 AM
Pages: [1]
ReplyPrint
Author  (Read 1301 times)
Preet.Dehlvi
Guest
Reply with quote
मुझे मेरे खवाबों से छुड़ा ऐ खुदा
कोई राह-ए-हकीक़त दिखा ऐ खुदा
रिश्ते ये सब बुलबुले हैं पानी के
इन बुलबुलों में ज़िन्दगी न दिखा ऐ खुदा !

कौन आया था कल, कौन मिलेगा कल
ज़िन्दगी क्या है, बस एक अँधा सफ़र
कुछ रेत है इधर, कुछ गर्द उधर
इस आवारापन से बचा ऐ खुदा
मुझे मेरी मंजिल दिखा ऐ खुदा

किसी ने रिश्ते दफ़न करे हैं अभी हाथों से
अश्क-ए-वफ़ा बह निकले हैं आँखों से
यही दोस्त हैं, यही हमसफ़र अब मेरे
इनसे ही दिल की तपश तू बुझा ऐ खुदा
इस सेहरा मैं कुछ और पानी बरसा ऐ खुदा

कोई नाखुदा रहा नहीं इन तूफानों में
साया तक अपना जा मिला बेगानों में
नाउम्मीदी ही बस अब है मेरी हमसफ़र
ले और इम्तिहान, कुछ और ख़ार बिछा ऐ खुदा
बुझती चिंगारी को अब जल्द ही बुझा ऐ खुदा

मुझे मेरे खवाबों से छुड़ा ऐ खुदा....

Logged
vipinjh
Guest
«Reply #1 on: August 04, 2011, 10:15:48 AM »
Reply with quote
really!!!!!!! its heart touching. plz carry on!!!!!!!!!!
Logged
SURESH SANGWAN
Guest
«Reply #2 on: August 04, 2011, 10:20:21 AM »
Reply with quote
 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
bahut khoob preet ji.excellent.
Logged
adil bechain
Umda Shayar
*

Rau: 161
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
31 days, 18 hours and 24 minutes.

Posts: 6552
Member Since: Mar 2009


View Profile
«Reply #3 on: August 04, 2011, 10:23:23 AM »
Reply with quote
मुझे मेरे खवाबों से छुड़ा ऐ खुदा
कोई राह-ए-हकीक़त दिखा ऐ खुदा
रिश्ते ये सब बुलबुले हैं पानी के
इन बुलबुलों में ज़िन्दगी न दिखा ऐ खुदा !

कौन आया था कल, कौन मिलेगा कल
ज़िन्दगी क्या है, बस एक अँधा सफ़र
कुछ रेत है इधर, कुछ गर्द उधर
इस आवारापन से बचा ऐ खुदा
मुझे मेरी मंजिल दिखा ऐ खुदा

किसी ने रिश्ते दफ़न करे हैं अभी हाथों से
अश्क-ए-वफ़ा बह निकले हैं आँखों से
यही दोस्त हैं, यही हमसफ़र अब मेरे
इनसे ही दिल की तपश तू बुझा ऐ खुदा
इस सेहरा मैं कुछ और पानी बरसा ऐ खुदा

कोई नाखुदा रहा नहीं इन तूफानों में
साया तक अपना जा मिला बेगानों में
नाउम्मीदी ही बस अब है मेरी हमसफ़र
ले और इम्तिहान, कुछ और ख़ार बिछा ऐ खुदा
बुझती चिंगारी को अब जल्द ही बुझा ऐ खुदा

मुझे मेरे खवाबों से छुड़ा ऐ खुदा....




bahut khoob Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
manzil-e-ishq
Guest
«Reply #4 on: August 04, 2011, 02:12:22 PM »
Reply with quote
bht bht khoob preet ji....
Logged
Preet.Dehlvi
Guest
«Reply #5 on: August 05, 2011, 06:26:21 AM »
Reply with quote
Thanks a lot Vipin Ji and Suresh Ji for your very kind words.
Logged
Preet.Dehlvi
Guest
«Reply #6 on: August 09, 2011, 06:02:23 AM »
Reply with quote
बहुत बहुत शुक्रिया मंजिल-इ-इश्क और आदिल जी.
Logged
Pages: [1]
ReplyPrint
Jump to:  

+ Quick Reply
With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
December 25, 2024, 07:31:20 AM

Login with username, password and session length
Recent Replies
by mkv
[December 22, 2024, 05:36:15 PM]

[December 19, 2024, 08:27:42 AM]

[December 17, 2024, 08:39:55 AM]

[December 15, 2024, 06:04:49 AM]

[December 13, 2024, 06:54:09 AM]

[December 10, 2024, 08:23:12 AM]

[December 10, 2024, 08:22:15 AM]

by Arif Uddin
[December 03, 2024, 07:06:48 PM]

[November 26, 2024, 08:47:05 AM]

[November 21, 2024, 09:01:29 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.081 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8509 Real Poets and poetry admirer