वो महबूब कुछ ऐसे थे |

by MinakshiGil on June 18, 2013, 02:15:35 AM
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MinakshiGil
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छतें गिर गयीं कब की
वो खंबे आज भी खड़े हैं
पंछी उड़ गए कब के
घरौंदे आज भी पड़े हैं..

आए थे कितने ज़िन्दगी में
कितने चले गए
पर ‘रिक्त स्थान’ उनके
तब से आज भी खाली पड़े हैं..

मुकने को मभारत युद्ध
कब का मुक गया
अश्क़ अश्वथामा के पर
आज भी गीले पड़े हैं..

हुआ वक़्त बरसात की
बूंदों को भी सूखे हुए
पर गड्ढे उसके आज भी
उतने ही गहरे पड़े हैं..

रख रेत के क़िले पे पैर
राही कब का चला गया
वो नन्हे पाँव लेकिन अब भी
साहिल रेत पर..यूँ ही खड़े हैं..

धूप को कारण बता कर
वक़्त की वो बदल गया
हैरान से..परेशान से..
साए अब भी वहीँ खड़े हैं ..

कहने को तो लिख गया हो
कई किस्से आज वो
पन्ने ज़िन्दगी की किताब के
कुछ आज भी मूड़े पड़े हैं..

गए दूर थे जाने क्यूँ
सब खिलौने कुम्हार के
बंद आँखें हो चुकीं
पर इंतज़ार वहीँ खड़े हैं..

छतें तो गिर गयीं कब की
वो खंबे आज भी..वहीँ खड़े हैं
के पंच्छी उड़ गए कब के
घरौंदे आज भी वहीँ पड़े हैं…।

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zarraa
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«Reply #1 on: June 18, 2013, 02:19:34 AM »
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Waah bahaut khoob .... Bade jazbaat ke saath likha hai ... Daad !!!
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MinakshiGil
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«Reply #2 on: June 18, 2013, 02:23:53 AM »
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Waah bahaut khoob .... Bade jazbaat ke saath likha hai ... Daad !!!
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@Kaash
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«Reply #3 on: June 18, 2013, 03:19:49 AM »
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very nice!
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jasbirsingh
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«Reply #4 on: June 18, 2013, 03:23:12 AM »
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Bahut hi khoob wah wah wah

jasbir singh
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Bhupinder Kaur
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«Reply #5 on: June 18, 2013, 03:41:02 AM »
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WaaH WaaH Kya Kehe ji
"आए थे कितने ज़िन्दगी में
कितने चले गए
पर ‘रिक्त स्थान’ उनके
तब से आज भी खाली पड़े हैं.."  Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
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F.H.SIDDIQUI
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«Reply #6 on: June 18, 2013, 12:08:37 PM »
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sksaini4
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«Reply #7 on: June 18, 2013, 12:53:44 PM »
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waah waah kyaa baat
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Sunil Malhotra
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«Reply #8 on: June 18, 2013, 05:17:44 PM »
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very nice sharing... keep it up... Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
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_Vicky_
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«Reply #9 on: June 18, 2013, 08:23:41 PM »
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Wah Minakshi Ji Kya Baat Hai.. Behad Umda Likha Hai aapne.. Behad Khubsoorati se Apne Jazzbaaton ko Lafzon Me Utaara Hai aapne.. Applause Applause Applause


**~** Mann **~**
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aqsh
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«Reply #10 on: June 18, 2013, 08:30:27 PM »
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nice sharing.. but always post in share section..
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MANOJ6568
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«Reply #11 on: June 19, 2013, 02:47:17 AM »
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छतें गिर गयीं कब की
वो खंबे आज भी खड़े हैं
पंछी उड़ गए कब के
घरौंदे आज भी पड़े हैं..

आए थे कितने ज़िन्दगी में
कितने चले गए
पर ‘रिक्त स्थान’ उनके
तब से आज भी खाली पड़े हैं..

मुकने को मभारत युद्ध
कब का मुक गया
अश्क़ अश्वथामा के पर
आज भी गीले पड़े हैं..

हुआ वक़्त बरसात की
बूंदों को भी सूखे हुए
पर गड्ढे उसके आज भी
उतने ही गहरे पड़े हैं..

रख रेत के क़िले पे पैर
राही कब का चला गया
वो नन्हे पाँव लेकिन अब भी
साहिल रेत पर..यूँ ही खड़े हैं..

धूप को कारण बता कर
वक़्त की वो बदल गया
हैरान से..परेशान से..
साए अब भी वहीँ खड़े हैं ..

कहने को तो लिख गया हो
कई किस्से आज वो
पन्ने ज़िन्दगी की किताब के
कुछ आज भी मूड़े पड़े हैं..

गए दूर थे जाने क्यूँ
सब खिलौने कुम्हार के
बंद आँखें हो चुकीं
पर इंतज़ार वहीँ खड़े हैं..

छतें तो गिर गयीं कब की
वो खंबे आज भी..वहीँ खड़े हैं
के पंच्छी उड़ गए कब के
घरौंदे आज भी वहीँ पड़े हैं…।

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