वो मुझसे मिलने के बहाने ढूंढती है

by kavyadharateam on August 22, 2014, 09:05:57 AM
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kavyadharateam
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वो मुझसे मिलने के बहाने ढूंढती है
मैं उससे मिलने के बहाने ढूंढता हूँ

वो मेरी सांसों में तलाशे है बसेरे
मैं उसकी आँखों में ठिकाने ढूंढता हूँ।

वो मुझमे चाहती है समाना लहर बनकर
मैं उसके आँचल में मुहाने ढूंढता हूँ

वो मेरी हस्ती में सवारें अपनी दुनिआ
मैं उसके सायों में ज़माने ढूंढता हूँ।

वो मुझमे देखे है सजीले अपने सपने
मैं उसमे पल अपने पुराने ढूंढता हूँ।

वो मेरी खुशियों में तलाशे अपनी खुशियां
मैं उसकी खातिर सुख सुहाने ढूंढता हूँ।  

वो देखती मेरे हाथ में अपना मुक़द्दर
मैं उसके कर में आशियाने देखता हूँ।

वो मेरे साये को बताती तरु सी छाया
मैं उसकी छवि में शामियाने ढूंढता हूँ।

वो बीनती दुःख मेरे जैसे बीने मोती
मैं उसके दामन में ख़ज़ाने ढूंढ़ता हूँ।  

वो गीत जैसा गुनगुनाती नाम मेरा
मैं उसके होंठो में तराने ढूंढता हूँ।

वो मुझे लेकर बुनती दीपक ताना बाना
मैं उसमे अपने ताने बाने ढूंढता हूँ।

@ दीपक शर्मा
http://www.Thank you!
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kavyadharateam
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«Reply #1 on: August 22, 2014, 09:06:10 AM »
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वो मुझसे मिलने के बहाने ढूंढती है
मैं उससे मिलने के बहाने ढूंढता हूँ

वो मेरी सांसों में तलाशे है बसेरे
मैं उसकी आँखों में ठिकाने ढूंढता हूँ।

वो मुझमे चाहती है समाना लहर बनकर
मैं उसके आँचल में मुहाने ढूंढता हूँ

वो मेरी हस्ती में सवारें अपनी दुनिआ
मैं उसके सायों में ज़माने ढूंढता हूँ।

वो मुझमे देखे है सजीले अपने सपने
मैं उसमे पल अपने पुराने ढूंढता हूँ।

वो मेरी खुशियों में तलाशे अपनी खुशियां
मैं उसकी खातिर सुख सुहाने ढूंढता हूँ।  

वो देखती मेरे हाथ में अपना मुक़द्दर
मैं उसके कर में आशियाने देखता हूँ।

वो मेरे साये को बताती तरु सी छाया
मैं उसकी छवि में शामियाने ढूंढता हूँ।

वो बीनती दुःख मेरे जैसे बीने मोती
मैं उसके दामन में ख़ज़ाने ढूंढ़ता हूँ।  

वो गीत जैसा गुनगुनाती नाम मेरा
मैं उसके होंठो में तराने ढूंढता हूँ।

वो मुझे लेकर बुनती दीपक ताना बाना
मैं उसमे अपने ताने बाने ढूंढता हूँ।

@ दीपक शर्मा
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NakulG
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«Reply #2 on: August 22, 2014, 09:31:39 AM »
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wahh!! wahh!! wahh!!
Rau!!
वो मेरी हस्ती में सवारें अपनी दुनिआ
मैं उसके सायों में ज़माने ढूंढता हूँ।
kya baat hai!!
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«Reply #3 on: August 22, 2014, 10:29:26 AM »
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Achchha Koshish hai.
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jeet jainam
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«Reply #4 on: August 22, 2014, 10:58:50 AM »
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bohut khub
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«Reply #5 on: August 22, 2014, 12:26:29 PM »
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Very good sir. Daad hazir hai
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«Reply #6 on: August 22, 2014, 02:54:50 PM »
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waah waah bahut khoob
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amit_prakash_meet
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«Reply #7 on: August 23, 2014, 03:48:23 AM »
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वाह....वाह....

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«Reply #8 on: August 23, 2014, 04:48:57 AM »
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श्री शर्मा जी ,बहुत अच्छी कोशिश की है आपने लिखते रहिये

आप तो दीपक है संसार को उजाला दे सकते है
तुम में एक नी रोशनी ढूढता हूँ
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kavyadharateam
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«Reply #9 on: October 11, 2014, 08:47:47 AM »
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aapki meharbani
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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