Main jab bhi gaoN jaata huN

by janumanu on July 23, 2013, 02:19:01 AM
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janumanu
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मैं जब भी गाँव जाता हूँ मुझे सब लोग कहते हैं
यही सब पूछते हैं वो कहाँ है जो गया था साथ
ये किसको साथ लाए हो

जो सीधा सा सरल सा था
तुम्हारी ही ग़ज़ल सा था
सिमट आता था दामन मैं
जो गीता की रहल सा था

जिसे कम झूठ आता था, जो अक्सर टूट जाता था
मेरे उपर से नीचे तक मुझे ही ढूँढते हैं वो

वो जिसकी आँख भंवरे सी
वो जिसके गाल तख़्ती से
कभी फूलों ने भी जिसको
छुआ होगा ना सख्ती से

वो जब भी बात करता था, हमारे साथ करता था
नही अब जो कहीं मुझे वही क्यूँ माँगते हैं वो


कोई गुम चोट थी उसको
उभर आती थी सीने मैं
था मरने को हुआ जाता
दिसंबर के महीने में

किसी से प्यार करता था, यही इकरार करता था
दीवाने के लिए खुद भी दीवाने हो चुके हैं वो


मैं जब भी गाँव जाता हूँ, मुझे सब लोग कहते हैं
यही सब पूछते हैं वो, कहाँ है जो गया था साथ
ये किसको साथ लाए हो
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #1 on: July 23, 2013, 02:44:19 AM »
Bahut Khoob
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~Hriday~
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kalam k chalne ko zamaana paagalpan samajhta hai.

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«Reply #2 on: July 23, 2013, 03:44:05 AM »
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Ram Saraswat
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«Reply #3 on: July 23, 2013, 04:07:18 AM »
जिसे कम झूठ आता था, जो अक्सर टूट जाता था
मेरे उपर से नीचे तक मुझे ही ढूँढते हैं वो
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sksaini4
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«Reply #4 on: July 23, 2013, 09:36:55 AM »
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nandbahu
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«Reply #5 on: July 23, 2013, 09:52:33 AM »
wah
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RAJAN KONDAL
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«Reply #6 on: July 23, 2013, 02:16:51 PM »
मैं जब भी गाँव जाता हूँ मुझे सब लोग कहते हैं
यही सब पूछते हैं वो कहाँ है जो गया था साथ
ये किसको साथ लाए हो

जो सीधा सा सरल सा था
तुम्हारी ही ग़ज़ल सा था
सिमट आता था दामन मैं
जो गीता की रहल सा था

जिसे कम झूठ आता था, जो अक्सर टूट जाता था
मेरे उपर से नीचे तक मुझे ही ढूँढते हैं वो

वो जिसकी आँख भंवरे सी
वो जिसके गाल तख़्ती से
कभी फूलों ने भी जिसको
छुआ होगा ना सख्ती से

वो जब भी बात करता था, हमारे साथ करता था
नही अब जो कहीं मुझे वही क्यूँ माँगते हैं वो


कोई गुम चोट थी उसको
उभर आती थी सीने मैं
था मरने को हुआ जाता
दिसंबर के महीने में

किसी से प्यार करता था, यही इकरार करता था
दीवाने के लिए खुद भी दीवाने हो चुके हैं वो


मैं जब भी गाँव जाता हूँ, मुझे सब लोग कहते हैं
यही सब पूछते हैं वो, कहाँ है जो गया था साथ
ये किसको साथ लाए हो
Wha wha bhut khub Clapping Smiley Clapping Smiley
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soudagar
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«Reply #7 on: July 23, 2013, 02:22:46 PM »
yeh hui naa baat gazab ka qalaam bahut hee khub lajawab .........salut u .. gaon se shahar jaane wale akasar un badal jaate hai....


 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley
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aqsh
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«Reply #8 on: July 23, 2013, 03:59:48 PM »
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP
waaaaaaaaah. vikas bahut bahut achchi peshkash.

वो जिसकी आँख भंवरे सी
वो जिसके गाल तख़्ती से
कभी फूलों ने भी जिसको
छुआ होगा ना सख्ती से

वो जब भी बात करता था, हमारे साथ करता था
नही अब जो कहीं मुझे वही क्यूँ माँगते हैं वो

bahut khoob likha hai tumne. hazaron dili daaaaaaaaaaaaaaaaaaaaad...
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marhoom bahayaat
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«Reply #9 on: July 24, 2013, 07:21:32 AM »
मैं जब भी गाँव जाता हूँ मुझे सब लोग कहते हैं
यही सब पूछते हैं वो कहाँ है जो गया था साथ
ये किसको साथ लाए हो

जो सीधा सा सरल सा था
तुम्हारी ही ग़ज़ल सा था
सिमट आता था दामन मैं
जो गीता की रहल सा था

जिसे कम झूठ आता था, जो अक्सर टूट जाता था
मेरे उपर से नीचे तक मुझे ही ढूँढते हैं वो

वो जिसकी आँख भंवरे सी
वो जिसके गाल तख़्ती से
कभी फूलों ने भी जिसको
छुआ होगा ना सख्ती से

वो जब भी बात करता था, हमारे साथ करता था
नही अब जो कहीं मुझे वही क्यूँ माँगते हैं वो


कोई गुम चोट थी उसको
उभर आती थी सीने मैं
था मरने को हुआ जाता
दिसंबर के महीने में

किसी से प्यार करता था, यही इकरार करता था
दीवाने के लिए खुद भी दीवाने हो चुके हैं वो


मैं जब भी गाँव जाता हूँ, मुझे सब लोग कहते हैं
यही सब पूछते हैं वो, कहाँ है जो गया था साथ
ये किसको साथ लाए हो

maaaaaaaaaaaaarvelous,sir
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prashad
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«Reply #10 on: July 24, 2013, 02:07:54 PM »
bahut khoob
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