zindagi

by alfaaz on July 14, 2013, 07:02:50 PM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 608 times)
alfaaz
Guest
जिन्द्गी क्या है तु, तेर मन्सुबा क्या है?
पल पल मे इम्तिहान, आखिर माजरा क्या है?

सवाल ये नही की तु मुझे मिला था की मै तुझको
पर अब कौन किसे क्या सम्झाऐ ये बता मुझको

आना ही था तुझको तो कोई और बहाना खोजता
बेवकूफ़ मुझसा नही कोई और सयाना तो चूनता

पछ्ता रहे हम,  अब देख कर एक दुसरे को
तोबा कर रहे हम, मिले न फिर कभी एक दुसरे को

दिन ढल रह है चिराग बुझने से पेह्ले एक वादा कर
ऐसा चोला पेहनकर फिर कभी कहीं आया जाया न कर

जाते जाते ये बता जा कैसे चुकेगा आंसूओ का हिसाब
आखिर कंहा जाकर थमेगा ईन शोलों का सैलाब

सच तो ये है दोस्त की मुझे मेरा कोई गम नही
मेरी वजह से कोई रोये ये भी मौत से कुछ कम नही

क्या हिसाब दुंगा जब मिलेंगे उस जहान में
जब करेगा वो सवाल बडे इत्मिनान से

खौफ़ मौत का नही , जिन्दगी तूझसे डर है मुझ्को
कफ़न से क्या गिला, सांसों ने घेरा है मुझ्को

फिर कभी कहीं मुलकात होगी तो जरूर तुमको आजमाऐंगे
आइना बनकर, तुम्हारा चेहरा तुमको जरूर दिखाऐंगे

ये मेरा कर्ज तुमपे बाकी रहा
ये अधूरा तर्ज भी तुमपे उधार रहा
सूद जोड्के किसी गरीब को चुका जरुर देना
आस्मान बनकर किसी मायूस को सुना जरुर देना

तन्हांईयो मे अक्सर सवाल जवाब करता हूं
जवाब कम, सवालों को ज्यादा पाता हूं

जिन्दगी तेरा ये लतिफ़ा भी खुब रहा "राज"
हंस हंस के परेशान है दुनिया आज


Logged
Advo.RavinderaRavi
Guest
«Reply #1 on: July 14, 2013, 08:34:18 PM »
जिन्द्गी क्या है तु, तेर मन्सुबा क्या है?
पल पल मे इम्तिहान, आखिर माजरा क्या है?

सवाल ये नही की तु मुझे मिला था की मै तुझको
पर अब कौन किसे क्या सम्झाऐ ये बता मुझको

आना ही था तुझको तो कोई और बहाना खोजता
बेवकूफ़ मुझसा नही कोई और सयाना तो चूनता

पछ्ता रहे हम,  अब देख कर एक दुसरे को
तोबा कर रहे हम, मिले न फिर कभी एक दुसरे को

दिन ढल रह है चिराग बुझने से पेह्ले एक वादा कर
ऐसा चोला पेहनकर फिर कभी कहीं आया जाया न कर

जाते जाते ये बता जा कैसे चुकेगा आंसूओ का हिसाब
आखिर कंहा जाकर थमेगा ईन शोलों का सैलाब

सच तो ये है दोस्त की मुझे मेरा कोई गम नही
मेरी वजह से कोई रोये ये भी मौत से कुछ कम नही

क्या हिसाब दुंगा जब मिलेंगे उस जहान में
जब करेगा वो सवाल बडे इत्मिनान से

खौफ़ मौत का नही , जिन्दगी तूझसे डर है मुझ्को
कफ़न से क्या गिला, सांसों ने घेरा है मुझ्को

फिर कभी कहीं मुलकात होगी तो जरूर तुमको आजमाऐंगे
आइना बनकर, तुम्हारा चेहरा तुमको जरूर दिखाऐंगे

ये मेरा कर्ज तुमपे बाकी रहा
ये अधूरा तर्ज भी तुमपे उधार रहा
सूद जोड्के किसी गरीब को चुका जरुर देना
आस्मान बनकर किसी मायूस को सुना जरुर देना

तन्हांईयो मे अक्सर सवाल जवाब करता हूं
जवाब कम, सवालों को ज्यादा पाता हूं

जिन्दगी तेरा ये लतिफ़ा भी खुब रहा "राज"
हंस हंस के परेशान है दुनिया आज



Applause Applause Applause Applause Bahut Khoob.
Logged
Sapna Pandit
Guest
«Reply #2 on: July 14, 2013, 09:09:39 PM »
good one
Logged
aqsh
Guest
«Reply #3 on: July 14, 2013, 11:56:36 PM »
bahut khoob...
Logged
Shuruti
Guest
«Reply #4 on: July 15, 2013, 01:59:49 AM »
great
Logged
nandbahu
Mashhur Shayar
***

Rau: 122
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
20 days, 4 hours and 11 minutes.
Posts: 14553
Member Since: Sep 2011


View Profile
«Reply #5 on: July 15, 2013, 02:09:03 PM »
bahut khoob
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 04:10:29 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.109 seconds with 25 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer