किसे सुनाये ये दिल का दर्द -आर के रस्तोगी

by Ram Krishan Rastogi on May 18, 2018, 08:50:41 AM
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Ram Krishan Rastogi
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किसे सुनाये ये दिल का दर्द
सब ही हेडफोन लगाये बैठे है
किस को दिल दू ये मै अपना
हम तो पहले ही सताये बैठे है

जगह नहीं कोई अब इस दिल में
वे तो पहले से ही समाये बैठे है
हमे ओर कौन सतायेगा अब ?
हम तो पहले से सताये बैठे है

माँग भरने की कोई जरूरत नहीं
उनके नाम की माँग भराये बैठे है
मेहंदी लगाने की कोई जरूरत नही
उनके नाम की मेहँदी लगाये बैठे है

जिनसे आँखे लगाई थी  मैंने
वे पहले ही आँखे चुराये बैठे है
किस को दू ये दिल अब अपना
हम पहले ही दिल जलाये बैठे है

कर ली बहुत इन्तजार उनकी
हम फूलो से सेज सजाये बैठे है
कब होगी मिलन की रात उनसे
ये आस लगाये हम उनसे बैठे है

देख ली खुशामंद करके उनकी
वो अपना मूहँ फुलाये बैठे है
वो हमे ओर क्या सतायेंगे ?
हम तो पहले ही सताये बैठे है

अब तो आ गया आखरी बक्त
अपना जनाजा सजाये बैठे है
वो आये न आये कन्धा देने
हम तो जाने को तैयार बैठे है

आर के रस्तोगी
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SURESH SANGWAN
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«Reply #1 on: May 18, 2018, 01:45:00 PM »
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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #2 on: May 18, 2018, 02:18:56 PM »
श्री सुरेश जी शुक्रिया
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surindarn
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«Reply #3 on: May 18, 2018, 08:46:42 PM »
किसे सुनाये ये दिल का दर्द
सब ही हेडफोन लगाये बैठे है
किस को दिल दू ये मै अपना
हम तो पहले ही सताये बैठे है

जगह नहीं कोई अब इस दिल में
वे तो पहले से ही समाये बैठे है
हमे ओर कौन सतायेगा अब ?
हम तो पहले से सताये बैठे है

माँग भरने की कोई जरूरत नहीं
उनके नाम की माँग भराये बैठे है
मेहंदी लगाने की कोई जरूरत नही
उनके नाम की मेहँदी लगाये बैठे है

जिनसे आँखे लगाई थी  मैंने
वे पहले ही आँखे चुराये बैठे है
किस को दू ये दिल अब अपना
हम पहले ही दिल जलाये बैठे है

कर ली बहुत इन्तजार उनकी
हम फूलो से सेज सजाये बैठे है
कब होगी मिलन की रात उनसे
ये आस लगाये हम उनसे बैठे है

देख ली खुशामंद करके उनकी
वो अपना मूहँ फुलाये बैठे है
वो हमे ओर क्या सतायेंगे ?
हम तो पहले ही सताये बैठे है

अब तो आ गया आखरी बक्त
अपना जनाजा सजाये बैठे है
वो आये न आये कन्धा देने
हम तो जाने को तैयार बैठे है

आर के रस्तोगी
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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #4 on: May 19, 2018, 12:27:02 PM »
श्री सुरेन्द्रन जी शुक्रिया
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