भोले बाबा के मन की संवेदना संवेदना --आर के रस्तोगी

by Ram Krishan Rastogi on August 06, 2018, 05:54:12 AM
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कल रात भोले बाबा भंडारी शंकर मेरे सपनो में आ गये
कलयुग में कांवडियो की हरकते देखकर चक्कर खा गये
वह बोले, रस्तोगी तुम्हारे क्षेत्र में यह क्या हो रहा है  
कांवडियो के कारनामो को देख कर दुखी हो रहा हूँ
मैं बोल्या,प्रभु ये कांवडिये और ये क्षेत्र आपने ही बनाये है
इसलिए ये सारे कांवडिये भक्त तुम्हारी भक्ति में समाये है
वे फिर बोले,भक्ति भावना की बात तो ठीक है
क्या ये उछल-कूद मचा रहे है बिल्कुल ठीक है
चारो तरफ इनके कारण ही ट्रैफिक बंद पड़ा है
पुलिस प्रशासन भी इनके आगे हाथ जोड़े खड़ा है
जनता भी इनके आगे सब झुकी हुई है
अपने काम करने से सब रुकी हुई है
ये जल के बहाने अपनी गर्ल फ्रेंड ले जा रहे है
उनके साथ ये पूरी मस्ती मना रहे है
किसी ने तो मेरा पूरा रूप धर लिया है
हाथ में त्रिशूल और डमरू रख लिया है
गर्ल फ्रेंड को पार्वती को रूप दे दिया है
उसके साथ वे क्या क्या कर रहे है
ये मेरी समझ में नहीं आ रहा है  
चारो तरफ भंडारे व कैम्प लगे हुए है
उनके खाने और सोने के प्रबन्ध हुए है
कोई मेरे नाम पर चरस भांग पी रहा है
कोई मेरे नाम लेकर दारु को पी रहा है
कोई खुली सडक पर नंगा डान्स कर रहा है  
गाजे बाजे के साथ पूरी तरह से थिरक रहा है
जल चढ़ा कर खुश करना एक बहाना है
इतनी बारिस में मुझे क्या अब नहाना है
गंगा तो स्वयं मेरी जटाओ से आई है
भागीरथ के प्रयत्नों से इस भू पर आई है
तुमने अपने पाप धोकर उसे मलिन कर दिया है
क्या तुम उस मलिन जल से मुझे नह्लाओगे
क्या तुम अपने पापो का प्रयाश्चित कर पाओगे  
कोई साथ साथ में डी जे लेकर चल रहे है
इस शोर से सारा वातावरण दूषित कर रहे है
स्कूल कॉलेज भी इनके कारण बंद कर दिये है
सारे रास्ते भी इनके कारण ही बंद कर दिये है  
मैं इन झूठे आडम्बरो से कदापि खुश होता नही
जनता अगर दुखी है तो मैं भी खुश होता नहीं  
पहले ही शोर से वातावरण बहुत दूषित है
और इस नये शोर से क्यों दूषित करते हो
पहले तुम सब नदियों को साफ़ कराओ
फिर मुझ पर आकर जल चढ़ाओ    
मेरे इस सन्देश को जरा कांवडियो तक पहूचा दो
अब तो सावन के महीने में मुझे राहत दिला दो
अगर सच्चे भक्त है, सब आडम्बरो को हटा दो

आर के रस्तोगी
 
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«Reply #1 on: August 06, 2018, 06:58:33 PM »
waah waah. Bit to long.
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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #2 on: August 07, 2018, 05:29:38 AM »
shri surindran ji shukriya
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