मुझ संग बीता सब हिसाब रखता हूँ

by harashmahajan on August 01, 2015, 08:44:11 AM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 797 times)
harashmahajan
Guest
महफ़िल को मेरा आदाब ....एक अरसे बाद इस महफ़िल में आना हुआ ....पासवार्ड ही इधर उधर हो गया था...सच कहूँ तो मस्रूफ़िअत ही इतनी है की फर्म्स पर आना ही कम हुआ जाता है....उम्मीद है अगली किताब जल्द आपके सामने होगी
एक बात जो यहाँ बताना चाहूँगा.....एक मुद्दत बाद यहाँ आया हूँ आते ही अपनी ग़ज़ल किसी के द्वारा यहाँ देखी बड़ा अफ़सोस हुआ ..... अफ़सोस इस बात का नहीं की वो कलाम उस शख्स ने पोस्ट किया ...अफ़सोस इस बात का हुआ उसमें उस शख्स ने तब्दीली भी की ...और गुमनाम ...नाम दर्ज किया ...अपना नाम तो नहीं दिया...न जाने क्यूँ नाम हटा कर क्या बताना चाहते हैं ...



उनकी रचनाओं में सभी गुमनाम नाम से ही दी हैं ......हमारी बहुत सी रचनाएं है....
उनमें से एक रचना आपके लिए पेश है एक लिंक के साथ .....उम्मीद है आप मेरे कलाम पहचान ही लेंगे |


..

मुझ संग बीता सब हिसाब रखता हूँ
जुबां से चुप दिल में किताब रखता हूँ ।

इक-इक लम्हा आँखों में दर्ज है यूँ ,
अपने इशारों में सब जवाब रखता हूँ ।

किस तरह मिटाएगा कोई शैतां मुझको,
रूहानियत का इतना सबाब रखता हूँ ।

हिकारत से न देखे कोई मुझे इस तरह
अपनी शक्सिअत का ऐसा रुआब रखता हूँ ।

खुदा की रहे नैमत मुझ पर ऐ 'हर्ष'
सो अपनी सोच को नायाब रखता हूँ ।

____________हर्ष महाजन ।


http://harashmahajan.blogspot.in/2012/07/blog-post_8001.html

Yo India se muaafi chahuNga mazboori meiN ye link dena padaa !
Logged
adil bechain
Umda Shayar
*

Rau: 161
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
31 days, 18 hours and 24 minutes.

Posts: 6552
Member Since: Mar 2009


View Profile
«Reply #1 on: August 01, 2015, 12:40:04 PM »
महफ़िल को मेरा आदाब ....एक अरसे बाद इस महफ़िल में आना हुआ ....पासवार्ड ही इधर उधर हो गया था...सच कहूँ तो मस्रूफ़िअत ही इतनी है की फर्म्स पर आना ही कम हुआ जाता है....उम्मीद है अगली किताब जल्द आपके सामने होगी
एक बात जो यहाँ बताना चाहूँगा.....एक मुद्दत बाद यहाँ आया हूँ आते ही अपनी ग़ज़ल किसी के द्वारा यहाँ देखी बड़ा अफ़सोस हुआ ..... अफ़सोस इस बात का नहीं की वो कलाम उस शख्स ने पोस्ट किया ...अफ़सोस इस बात का हुआ उसमें उस शख्स ने तब्दीली भी की ...और गुमनाम ...नाम दर्ज किया ...अपना नाम तो नहीं दिया...न जाने क्यूँ नाम हटा कर क्या बताना चाहते हैं ...



उनकी रचनाओं में सभी गुमनाम नाम से ही दी हैं ......हमारी बहुत सी रचनाएं है....
उनमें से एक रचना आपके लिए पेश है एक लिंक के साथ .....उम्मीद है आप मेरे कलाम पहचान ही लेंगे |


..

मुझ संग बीता सब हिसाब रखता हूँ
जुबां से चुप दिल में किताब रखता हूँ ।

इक-इक लम्हा आँखों में दर्ज है यूँ ,
अपने इशारों में सब जवाब रखता हूँ ।

किस तरह मिटाएगा कोई शैतां मुझको,
रूहानियत का इतना सबाब रखता हूँ ।

हिकारत से न देखे कोई मुझे इस तरह
अपनी शक्सिअत का ऐसा रुआब रखता हूँ ।

खुदा की रहे नैमत मुझ पर ऐ 'हर्ष'
सो अपनी सोच को नायाब रखता हूँ ।

____________हर्ष महाजन ।


http://harashmahajan.blogspot.in/2012/07/blog-post_8001.html

Yo India se muaafi chahuNga mazboori meiN ye link dena padaa !


bahot khoob Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause


                        gar chaaho to neend se pooch lo....,
                        main mukhtalif khawaab rakhtaa hoon....,
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #2 on: August 01, 2015, 12:46:26 PM »
Shri Harsh ji ,waah waah ati sunder 
Logged
SURESH SANGWAN
Guest
«Reply #3 on: August 01, 2015, 01:20:51 PM »
 Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
 icon_flower Applause Applause Applause Applause icon_flower
Logged
surindarn
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 273
Offline Offline

Waqt Bitaya:
134 days, 2 hours and 27 minutes.
Posts: 31520
Member Since: Mar 2012


View Profile
«Reply #4 on: August 01, 2015, 08:09:39 PM »
bahut khoob Mahajan Sahib, dheron dheron daad waah.
 toothy4 toothy4 toothy4 toothy4 toothy4 toothy4 toothy4 toothy4
 Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP Thumbs UP
Logged
jeet jainam
Khaas Shayar
**

Rau: 237
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
60 days, 12 hours and 13 minutes.

my rule no type no life and ,i m happy single

Posts: 10150
Member Since: Dec 2012


View Profile WWW
«Reply #5 on: August 02, 2015, 04:20:03 AM »
bohat khubbbb waaahhhhhh
Logged
amit_prakash_meet
Guest
«Reply #6 on: August 03, 2015, 05:41:57 AM »
वाह.....बहुत खूब....

Logged
~Hriday~
Poetic Patrol
Mashhur Shayar
***

Rau: 115
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
101 days, 3 hours and 51 minutes.

kalam k chalne ko zamaana paagalpan samajhta hai.

Posts: 16243
Member Since: Feb 2010


View Profile WWW
«Reply #7 on: August 03, 2015, 01:59:15 PM »
 Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
November 21, 2024, 04:20:09 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[November 21, 2024, 09:01:29 AM]

[November 16, 2024, 11:44:41 AM]

by Michaelraw
[November 13, 2024, 12:59:11 PM]

[November 08, 2024, 09:59:54 AM]

[November 07, 2024, 01:56:50 PM]

[November 07, 2024, 01:55:03 PM]

[November 07, 2024, 01:52:40 PM]

[November 07, 2024, 01:51:59 PM]

[October 30, 2024, 05:13:27 AM]

by ASIF
[October 29, 2024, 07:57:46 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.101 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8506 Real Poets and poetry admirer