मुझे जानम दे दो माँ

by mistufer on June 28, 2009, 02:30:16 AM
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Sonu
Guest
«Reply #15 on: June 29, 2009, 06:35:00 AM »
bahut khoob nira ji.. keep up the wonderful work...

मुझे जानम दे दो माँ
 
कब से याकुल बैठा हून आस लगाए
कोई तो आए मुझे प्यार से गले लगाए

तेरा बीज हून, जानम लेना चाहता हून
माँ की बाहें मूज़े भी झूला झूलाए

तुम जिस खूबसूरत दुनिया में रहती हो
मैं वो दुनिया देखना चाहता हून

आजकल क्या हुआ है क्यूँ बचों से सब रूठे हैं
विज्ञान की तरक़ी से बचे भी अब चुनते हैं

बेटी अघर हो कोख में, सौदा कर लेते हैं
देकर मौत मासूम को कैसे चैन से रहते हैं

ओर अगर हुआ कोई नुक्स मुज में तो
क्या मेरा भी गला घोंट दोगि माँ

क्या मैं तरसता रह जायूंगा जानम लेने को
ममता भरे आँचल को माँ के दूद पीने को

माँ मूज़े खुद से जुड़ा ना करो
तेरा अंश बनके आना चाहता हून

बहुत बार मरा हून जानम से पहले ही
माँ मैं तुज़े माँ बुलाना चाहता हून

माँ अपने आँचल में छुपाले मुझको
तेरे सीने लगकर मैं हसना मुस्कुराना चाहता हून

आब ना सोचो,मुझे जानम दे दो माँ
आब तो मुझे जानम दे दो माँ

नीरा
मुझे जानम दे दो माँ
 
कब से याकुल बैठा हून आस लगाए
कोई तो आए मुझे प्यार से गले लगाए

तेरा बीज हून, जानम लेना चाहता हून
माँ की बाहें मूज़े भी झूला झूलाए

तुम जिस खूबसूरत दुनिया में रहती हो
मैं वो दुनिया देखना चाहता हून

आजकल क्या हुआ है क्यूँ बचों से सब रूठे हैं
विज्ञान की तरक़ी से बचे भी अब चुनते हैं

बेटी अघर हो कोख में, सौदा कर लेते हैं
देकर मौत मासूम को कैसे चैन से रहते हैं

ओर अगर हुआ कोई नुक्स मुज में तो
क्या मेरा भी गला घोंट दोगि माँ

क्या मैं तरसता रह जायूंगा जानम लेने को
ममता भरे आँचल को माँ के दूद पीने को

माँ मूज़े खुद से जुड़ा ना करो
तेरा अंश बनके आना चाहता हून

बहुत बार मरा हून जानम से पहले ही
माँ मैं तुज़े माँ बुलाना चाहता हून

माँ अपने आँचल में छुपाले मुझको
तेरे सीने लगकर मैं हसना मुस्कुराना चाहता हून

आब ना सोचो,मुझे जानम दे दो माँ
आब तो मुझे जानम दे दो माँ

नीरा
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bekarar
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«Reply #16 on: June 29, 2009, 06:38:17 AM »
nira ji
aapki is rachna ko fir se padha aur ek baar fir se daad diye bina raha nahi gaya....
aapki kalpna shakti adbhut hai ..aur shabd sanyojan behad satik...fir se sadhuwad
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madhuwesh
Guest
«Reply #17 on: June 29, 2009, 07:20:30 AM »
Wah wah Nira ji,bahut hi khoob,excellent,kitna bhi tareef  karu kafi nahi
hai, Thumbs UP Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley :clapping:touching.
very beautiful creation.
Logged
mistufer
Guest
«Reply #18 on: June 29, 2009, 09:15:00 PM »
Nira Didiiiiiiii....... Aapki Qalam Ko Mera Salaam.. notworthy Behad Umda aur gahari soch ke sath Likha Hai Yeh dard Bhara Qalaam aapne.. Lajawab aur Behtreen Peshkash hai .. Bahut Bahut khooooooob.. Applause Applause


**~** Mann **~**


vicky tumhe yeh peshkash pasand aayi
bahut bahut shukriya
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mistufer
Guest
«Reply #19 on: June 29, 2009, 09:17:06 PM »
bahut khoob nira ji.. keep up the wonderful work...


sonu ji
aapka padhne aor saharna ke liye
dilse abhari hoon
nira
Logged
mistufer
Guest
«Reply #20 on: June 29, 2009, 09:19:04 PM »
nira ji
aapki is rachna ko fir se padha aur ek baar fir se daad diye bina raha nahi gaya....
aapki kalpna shakti adbhut hai ..aur shabd sanyojan behad satik...fir se sadhuwad

bekarar ji
aapke hausla afzaayi ki abhari hoon.
yunhi saath dete rahiyega
muje acha lagega
nira
Logged
mistufer
Guest
«Reply #21 on: June 29, 2009, 09:20:42 PM »
Wah wah Nira ji,bahut hi khoob,excellent,kitna bhi tareef  karu kafi nahi
hai, Thumbs UP Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley :clapping:touching.
very beautiful creation.

madhu ji
aapki hausla afzaayi ka dilse shukriya adaa karti hoon.
nira
Logged
shayara
Guest
«Reply #22 on: July 01, 2009, 02:05:20 PM »
Nira Ji,

bohot hi khoob. Sochne ko majboor kar dene waali rachna.
Logged
Talat
Guest
«Reply #23 on: July 01, 2009, 02:13:43 PM »
मुझे जानम दे दो माँ
 
कब से याकुल बैठा हून आस लगाए
कोई तो आए मुझे प्यार से गले लगाए

तेरा बीज हून, जानम लेना चाहता हून
माँ की बाहें मूज़े भी झूला झूलाए

तुम जिस खूबसूरत दुनिया में रहती हो
मैं वो दुनिया देखना चाहता हून

आजकल क्या हुआ है क्यूँ बचों से सब रूठे हैं
विज्ञान की तरक़ी से बचे भी अब चुनते हैं

बेटी अघर हो कोख में, सौदा कर लेते हैं
देकर मौत मासूम को कैसे चैन से रहते हैं

ओर अगर हुआ कोई नुक्स मुज में तो
क्या मेरा भी गला घोंट दोगि माँ

क्या मैं तरसता रह जायूंगा जानम लेने को
ममता भरे आँचल को माँ के दूद पीने को

माँ मूज़े खुद से जुड़ा ना करो
तेरा अंश बनके आना चाहता हून

बहुत बार मरा हून जानम से पहले ही
माँ मैं तुज़े माँ बुलाना चाहता हून

माँ अपने आँचल में छुपाले मुझको
तेरे सीने लगकर मैं हसना मुस्कुराना चाहता हून

आब ना सोचो,मुझे जानम दे दो माँ
आब तो मुझे जानम दे दो माँ

नीरा

 Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley

Behtareen peshkash....Bohot bohot khoob Nira Ji
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mistufer
Guest
«Reply #24 on: July 01, 2009, 04:26:09 PM »
Nira Ji,

bohot hi khoob. Sochne ko majboor kar dene waali rachna.


shayara ji
aapne jazbaaton ko samajha saraya
bahut bahut shukriya
nira
Logged
mistufer
Guest
«Reply #25 on: July 01, 2009, 04:27:04 PM »
Clapping Smiley Clapping Smiley Clapping Smiley

Behtareen peshkash....Bohot bohot khoob Nira Ji

aapko peshkash pasand aayi
bahut bahut abhari hoon
nira
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