रात के ख्वाब जो दिन में देखने लगे ----आर के रस्तोगी

by Ram Krishan Rastogi on August 23, 2019, 08:58:07 AM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 529 times)
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 21 hours and 9 minutes.

Posts: 4988
Member Since: Oct 2010


View Profile
रात के ख्वाब जो दिन में देखने लगे |
उन्ही को दिन में अब तारे दिखने लगे ||

खता करके पूछती हो,ऐसा मैंने क्या किया ?
नयनो से तीर चलाये थे,आशिक मरने लगे ||

तुम्हारा चेहरा आईने में कैसे दिखाई देता ?
चेहरा देखते ही,आयने के अंग फडकने लगे ||

हटाये जो गेसू,उसने अपने खूबसूरत चेहरे से |
लगा ऐसा किसी चमन में फूल खिलने लगे ||

आस्तीन के साँप छिपा रक्खे थे खुद आस्तीनों में |
फिर क्यों पूछती हो,ये साँप मुझे क्यों डसने लगे ||

भले ही सोना तप कर,खरा भी हो गया होगा |
पर खोटे सिक्के भी बख्त पर काम आने लगे ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)
Logged
surindarn
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 273
Offline Offline

Waqt Bitaya:
134 days, 2 hours and 27 minutes.
Posts: 31520
Member Since: Mar 2012


View Profile
«Reply #1 on: August 23, 2019, 04:29:39 PM »
रात के ख्वाब जो दिन में देखने लगे |
उन्ही को दिन में अब तारे दिखने लगे ||

खता करके पूछती हो,ऐसा मैंने क्या किया ?
नयनो से तीर चलाये थे,आशिक मरने लगे ||

तुम्हारा चेहरा आईने में कैसे दिखाई देता ?
चेहरा देखते ही,आयने के अंग फडकने लगे ||

हटाये जो गेसू,उसने अपने खूबसूरत चेहरे से |
लगा ऐसा किसी चमन में फूल खिलने लगे ||

आस्तीन के साँप छिपा रक्खे थे खुद आस्तीनों में |
फिर क्यों पूछती हो,ये साँप मुझे क्यों डसने लगे ||

भले ही सोना तप कर,खरा भी हो गया होगा |
पर खोटे सिक्के भी बख्त पर काम आने लगे ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)

Applause Applause Applause
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
December 25, 2024, 07:20:21 AM

Login with username, password and session length
Recent Replies
by mkv
[December 22, 2024, 05:36:15 PM]

[December 19, 2024, 08:27:42 AM]

[December 17, 2024, 08:39:55 AM]

[December 15, 2024, 06:04:49 AM]

[December 13, 2024, 06:54:09 AM]

[December 10, 2024, 08:23:12 AM]

[December 10, 2024, 08:22:15 AM]

by Arif Uddin
[December 03, 2024, 07:06:48 PM]

[November 26, 2024, 08:47:05 AM]

[November 21, 2024, 09:01:29 AM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.086 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8509 Real Poets and poetry admirer