रोहित: मैच के साथ साथ सीरिज़ भी हार गए आज!
धोनी: क्या बात है.. शाबाश लड़के..
बल्लेबाज़ी तेरी कितनी भी घटिया हो, Observation power कमाल की है!
रोहित: यार आज तो मैं खेला ही नहीं, आज तो मुझे मत बोल. इन सबने
घटिया बल्लेबाज़ी की, इनको बोल!
सहवाग: मुँह संभाल के बात कर रोहित, मेरी पारी ठीक थी.
गंभीर: रहने दे वीरू, हम वहीं थे. आधे रन तो तेरे Overthrow से बन रहे थे.
सहवाग: गौती, तेरी तरह बोल्ड तो नहीं हुआ, विकेट तो बच गई!
धोनी: बस करो यार… तुम मियाँ-बीवी दोनों को अगले मैच से निकाल देते हैं.
तसल्ली से बाहर बैठ कर लड़ना.
सहवाग: दिल्ली मे मैच है माही, दिल्ली के लड़के तो खेलेंगे.
धोनी: हाँ, दिल्ली के लड़के तो खेलेंगे, विराट और ईशांत.. दिल्ली के अंकल लोग बाहर बैठेंगे.
सहवाग: ये लड़के?? (कोहली की तरफ इशारा करते हुए) चीकू ने क्या उखाड़
लिया था आज, वाइड बॉल पर आउट हुआ.
कोहली: क्या वीरू भाई, मेरी जगह पर तो नज़र मत डालो.. मेरी क्या ग़लती है,
पता ही नहीं था कि ये अकमल भी कैच वैच लेने लग गया है.
जडेजा: किसी को कुछ पता नहीं था कैसे रन बनाने हैं, मैने फालतू मे
इतनी अच्छी गेंदबाज़ी की.
युवराज: साला यही दिन देखना बाकी रह गया था कि जडेजा भी ताना मारे!
जडेजा: युवी भाई, आज मेरी तरफ से कोई कमी नहीं थी. आज तो बनता है.
युवराज: चल भाई, तेरा दिन है आज.. जैसे नासिर जमशेद का था.
रैना: यार ये नासिर का पता करवाओ,
इसका क्या बिगाड़ा है हमने जो हर मैच मे लेने लग जाता है.
धोनी: क्या पता करवाना है यार, ऐसे ऐसेगेंदबाज़ हों तो कोई भी सर चढ़ कर ले सकता है.
रहाने: कोई नहीं सर, जो हुआ सो हुआ. अगले मैच मे देख लेंगे उनको.
धोनी: तू तो 2 मैच से देख ही रहा है, औरकितना देखेगा. अब खेलने की तैयारी कर.
चलो अब सब अपना सामान संभालो और होटल जा कर सो जाओ. अगले मैच
की रणनीति दिल्ली जा कर बनायँगे. (भुवनेश्वर कुमार का उठा हुआ हाथ देख कर) हाँ कुमार, क्या हुआ?
भुवनेश्वर कुमार: सर जब से टीम मे आया हूँ, एक बात पूछना चाहता था…
धोनी: हाँ हाँ, पूछ!
कुमार: ये पुतला किसका रखा रहता है हर ड्रेसिंग रूम मे?
धोनी: अबे पुतला नहीं, कोच है हमारा. डंकन फ्लेचर! =D
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