अव्वल नम्बर का झूठा है ........ anmol arora

by anmolarora on September 26, 2012, 02:49:24 PM
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anmolarora
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एक दुकान के बाहर लिखा था: 'इन्सानों की तरह बात करने वाला कुत्ता बिकाऊ है.'

एक आदमी दुकानदार से जाकर बोला: 'मैं उस कुत्ते को देखना चाहता हूं...' दुकानदार ने कहा: 'साथ के कमरे में बैठा है, जा कर मिल लो।'

ग्राहक उस कमरे में गया। कुर्सी पर एक हट्टा-कट्टा कुत्ता बैठा था. पूछा: 'क्यों भई, तुम यहां क्या कर रहे हो?'

कुत्ते ने बताया: 'कर तो मैं बहुत कुछ सकता हूं, लेकिन आजकल इस दुकान की रखवाली करता हूं. इससे पहले अमेरिका के जासूसी महकमे में काम करता था और कई खूंखार आतंकवादियों को पकड़वाया... फिर मैं इंग्लैंड चला गया जहां पुलिस के लिए मुखबरी करता था. एक साल बाद यहां आ गया.'

उस आदमी ने दुकानदार से पूछा: 'इतने गुणवान कुत्ते को आप बेचना क्यों चाहते हैं?'

'अव्वल नम्बर का झूठा है...' जवाब मिला.
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aqsh
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«Reply #1 on: September 26, 2012, 03:04:06 PM »
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mkv
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«Reply #2 on: September 26, 2012, 04:05:22 PM »
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MANOJ6568
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«Reply #3 on: September 26, 2012, 05:32:11 PM »
एक दुकान के बाहर लिखा था: 'इन्सानों की तरह बात करने वाला कुत्ता बिकाऊ है.'

एक आदमी दुकानदार से जाकर बोला: 'मैं उस कुत्ते को देखना चाहता हूं...' दुकानदार ने कहा: 'साथ के कमरे में बैठा है, जा कर मिल लो।'

ग्राहक उस कमरे में गया। कुर्सी पर एक हट्टा-कट्टा कुत्ता बैठा था. पूछा: 'क्यों भई, तुम यहां क्या कर रहे हो?'

कुत्ते ने बताया: 'कर तो मैं बहुत कुछ सकता हूं, लेकिन आजकल इस दुकान की रखवाली करता हूं. इससे पहले अमेरिका के जासूसी महकमे में काम करता था और कई खूंखार आतंकवादियों को पकड़वाया... फिर मैं इंग्लैंड चला गया जहां पुलिस के लिए मुखबरी करता था. एक साल बाद यहां आ गया.'

उस आदमी ने दुकानदार से पूछा: 'इतने गुणवान कुत्ते को आप बेचना क्यों चाहते हैं?'

'अव्वल नम्बर का झूठा है...' जवाब मिला.

gd
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nandbahu
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«Reply #4 on: September 27, 2012, 12:07:25 AM »
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anmolarora
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«Reply #5 on: September 27, 2012, 02:23:27 AM »
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anmolarora
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«Reply #6 on: September 27, 2012, 02:24:02 AM »
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anmolarora
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«Reply #7 on: September 27, 2012, 02:24:41 AM »
gd
Manoj ji aap ka sukhriya
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«Reply #8 on: September 27, 2012, 02:25:13 AM »
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Tah dil se sukhriya aap ka nandbahu ji
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«Reply #9 on: September 27, 2012, 05:29:14 AM »
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«Reply #10 on: September 27, 2012, 05:45:04 AM »
एक दुकान के बाहर लिखा था: 'इन्सानों की तरह बात करने वाला कुत्ता बिकाऊ है.'

एक आदमी दुकानदार से जाकर बोला: 'मैं उस कुत्ते को देखना चाहता हूं...' दुकानदार ने कहा: 'साथ के कमरे में बैठा है, जा कर मिल लो।'

ग्राहक उस कमरे में गया। कुर्सी पर एक हट्टा-कट्टा कुत्ता बैठा था. पूछा: 'क्यों भई, तुम यहां क्या कर रहे हो?'

कुत्ते ने बताया: 'कर तो मैं बहुत कुछ सकता हूं, लेकिन आजकल इस दुकान की रखवाली करता हूं. इससे पहले अमेरिका के जासूसी महकमे में काम करता था और कई खूंखार आतंकवादियों को पकड़वाया... फिर मैं इंग्लैंड चला गया जहां पुलिस के लिए मुखबरी करता था. एक साल बाद यहां आ गया.'

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sushilbansal
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«Reply #11 on: September 27, 2012, 07:12:36 AM »
एक दुकान के बाहर लिखा था: 'इन्सानों की तरह बात करने वाला कुत्ता बिकाऊ है.'

एक आदमी दुकानदार से जाकर बोला: 'मैं उस कुत्ते को देखना चाहता हूं...' दुकानदार ने कहा: 'साथ के कमरे में बैठा है, जा कर मिल लो।'

ग्राहक उस कमरे में गया। कुर्सी पर एक हट्टा-कट्टा कुत्ता बैठा था. पूछा: 'क्यों भई, तुम यहां क्या कर रहे हो?'

कुत्ते ने बताया: 'कर तो मैं बहुत कुछ सकता हूं, लेकिन आजकल इस दुकान की रखवाली करता हूं. इससे पहले अमेरिका के जासूसी महकमे में काम करता था और कई खूंखार आतंकवादियों को पकड़वाया... फिर मैं इंग्लैंड चला गया जहां पुलिस के लिए मुखबरी करता था. एक साल बाद यहां आ गया.'

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hansna hansana hi zindgi hai mubarik
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anmolarora
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«Reply #12 on: September 27, 2012, 08:06:43 AM »
waah
Sk saini ji aap ka tah dil se sukhriya
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anmolarora
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«Reply #13 on: September 27, 2012, 08:07:30 AM »

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aap ka bahut bahut sukhriya adil ji
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anmolarora
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«Reply #14 on: September 27, 2012, 08:08:18 AM »
hansna hansana hi zindgi hai mubarik
sahi kaha aap ne sushil ji hasana hi jindgi hai
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