dil se jeeta dimag

by mai gumnaam on February 09, 2013, 07:33:22 PM
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mai gumnaam
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जो जिए हम दिल से, तो मजाक बना डाला
दुनिया ने हमारी हस्ती को, ख़ाक बना डाला
अपनों से जुदा हो गए, यार भी खफा हो गए
खुशियों के गुंचे सूख गए, गम का गुलिस्तां हो गए
हम को तेरी मुहब्बत ने, गम हजारों दे डाले
मरने के सामां खूब दिए, जीने के सलीके दे डाले
अब हम भी अपने एहसासों का, व्योपार किया करते हैं
रात भर तेरी याद में, रो रो कर जो नग्मे लिखते हैं
दिन भर उनको बाज़ारों में, बेच कर खजाना भरते हैं
कभी एक हसीना के पीछे, हम दीवाने से फिरते थे
अब हर शाम हमारे घर में ही, हसीनो के बाज़ार सजते हैं

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suman59
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«Reply #1 on: February 10, 2013, 01:44:00 AM »

जो जिए हम दिल से, तो मजाक बना डाला
दुनिया ने हमारी हस्ती को, ख़ाक बना डाला
अपनों से जुदा हो गए, यार भी खफा हो गए
खुशियों के गुंचे सूख गए, गम का गुलिस्तां हो गए
हम को तेरी मुहब्बत ने, गम हजारों दे डाले
मरने के सामां खूब दिए, जीने के सलीके दे डाले
अब हम भी अपने एहसासों का, व्योपार किया करते हैं
रात भर तेरी याद में, रो रो कर जो नग्मे लिखते हैं
दिन भर उनको बाज़ारों में, बेच कर खजाना भरते हैं
कभी एक हसीना के पीछे, हम दीवाने से फिरते थे
अब हर शाम हमारे घर में ही, हसीनो के बाज़ार सजते हैं


Wow this is excellant... congratulations gumnaam jee.

(You hv posted this nazm in wrong section. This should be in Misc. section)

Onceagain well written  Thumbs UP Thumbs UP
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sksaini4
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«Reply #2 on: February 10, 2013, 01:47:22 AM »
waah waah dheron daad
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RAJAN KONDAL
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«Reply #3 on: February 10, 2013, 03:08:02 AM »

जो जिए हम दिल से, तो मजाक बना डाला
दुनिया ने हमारी हस्ती को, ख़ाक बना डाला
अपनों से जुदा हो गए, यार भी खफा हो गए
खुशियों के गुंचे सूख गए, गम का गुलिस्तां हो गए
हम को तेरी मुहब्बत ने, गम हजारों दे डाले
मरने के सामां खूब दिए, जीने के सलीके दे डाले
अब हम भी अपने एहसासों का, व्योपार किया करते हैं
रात भर तेरी याद में, रो रो कर जो नग्मे लिखते हैं
दिन भर उनको बाज़ारों में, बेच कर खजाना भरते हैं
कभी एक हसीना के पीछे, हम दीवाने से फिरते थे
अब हर शाम हमारे घर में ही, हसीनो के बाज़ार सजते हैं

So nice ji  keep it up
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lovely_charan
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«Reply #4 on: February 10, 2013, 04:42:06 AM »
terrific .. outstanding..
great composition..
hats off to you ji
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marhoom bahayaat
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«Reply #5 on: February 10, 2013, 07:20:56 AM »

जो जिए हम दिल से, तो मजाक बना डाला
दुनिया ने हमारी हस्ती को, ख़ाक बना डाला
अपनों से जुदा हो गए, यार भी खफा हो गए
खुशियों के गुंचे सूख गए, गम का गुलिस्तां हो गए
हम को तेरी मुहब्बत ने, गम हजारों दे डाले
मरने के सामां खूब दिए, जीने के सलीके दे डाले
अब हम भी अपने एहसासों का, व्योपार किया करते हैं
रात भर तेरी याद में, रो रो कर जो नग्मे लिखते हैं
दिन भर उनको बाज़ारों में, बेच कर खजाना भरते हैं
कभी एक हसीना के पीछे, हम दीवाने से फिरते थे
अब हर शाम हमारे घर में ही, हसीनो के बाज़ार सजते हैं


good,sir
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Rishi Agarwal
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«Reply #6 on: February 10, 2013, 08:13:36 AM »
बहुत खुबसूरत लफ्ज..
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utpalkant
Guest
«Reply #7 on: March 14, 2013, 07:14:39 PM »
ppppp
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