इंतजार क्या करते...

by Minakshi vats on February 21, 2014, 10:37:54 PM
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Minakshi vats
Aghaaz ae Shayar
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जो ना कर सके इंतजार, उनपे ऐतबार क्या करते,
जो चल दिए शम्मा बुझा कर, वो रोशनी क्या खाक
करते..
अंधरो मैं सिमट कर रह गई तकदीर अपनी,
हो जाए रोशन ऐ वफा ऐसा काम क्या करत..
उनसे उनकी बेरुखी ही ना संभल सकी उम्र भर,
बार - बार मना कर हम भी यार क्या करते..
जिसे लौट आना हो, वो आ ही जाते है,
अब दिल जला कर भी उनका इंतजार क्या करते..
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Minakshi vats
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«Reply #1 on: February 21, 2014, 10:42:20 PM »

जो ना कर सके इंतजार, उनपे ऐतबार क्या करते,
जो चल दिए शम्मा बुझा कर, वो रोशनी क्या खाक
करते..

अंधरो मैं सिमट कर रह गई तकदीर अपनी,
हो जाए रोशन ऐ वफा ऐसा काम क्या करते..

उनसे उनकी बेरुखी ही ना संभल सकी उम्र भर,
बार - बार मना कर हम भी यार क्या करते..

जिसे लौट आना हो, वो आ ही जाते है,
अब दिल जला कर भी उनका इंतजार क्या करते..

मिनाक्षी वत्स "निशा"
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #2 on: February 21, 2014, 11:06:01 PM »
क्या बात है.............
बहुत खूब.!!
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khujli
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«Reply #3 on: February 22, 2014, 01:24:35 PM »

जो ना कर सके इंतजार, उनपे ऐतबार क्या करते,
जो चल दिए शम्मा बुझा कर, वो रोशनी क्या खाक
करते..
अंधरो मैं सिमट कर रह गई तकदीर अपनी,
हो जाए रोशन ऐ वफा ऐसा काम क्या करत..
उनसे उनकी बेरुखी ही ना संभल सकी उम्र भर,
बार - बार मना कर हम भी यार क्या करते..
जिसे लौट आना हो, वो आ ही जाते है,
अब दिल जला कर भी उनका इंतजार क्या करते..


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jeet jainam
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«Reply #4 on: February 22, 2014, 07:42:25 PM »
जो ना कर सके इंतजार, उनपे ऐतबार क्या करते,
जो चल दिए शम्मा बुझा कर, वो रोशनी क्या खाक
करते..

अंधरो मैं सिमट कर रह गई तकदीर अपनी,
हो जाए रोशन ऐ वफा ऐसा काम क्या करते..

उनसे उनकी बेरुखी ही ना संभल सकी उम्र भर,
बार - बार मना कर हम भी यार क्या करते..

जिसे लौट आना हो, वो आ ही जाते है,
अब दिल जला कर भी उनका इंतजार क्या करते..


wah wah wah bohut bohut acha acha likha hai keep writing
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«Reply #5 on: February 22, 2014, 08:46:20 PM »
Kya baat hai ..bahut hi badiya Minakshi ji Usual Smile
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Rishi Agarwal
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«Reply #6 on: February 22, 2014, 11:34:04 PM »
वाह बहुत खूब .. यूँ ही लिखते रहे .. वन्देमातरम्
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