गुम जाना चाहती हूं मैं...

by Minakshi vats on February 24, 2014, 09:42:45 PM
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Minakshi vats
Aghaaz ae Shayar
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हती हूं तेरी जिंदगी से इक गुमनाम
साये की तरहां,
वो साया जिसने तन्हाई तुझे और मुझे
खामोशियां दी है,
कर देना चाहती हूं इस किस्से को दफन यही,
वो किस्सा जिसने तोहमद तुझे और बदनामियां मुझे
दी है,
गुमजाना चाहती....
यूं तो तेरी हर याद,तेरी हर बात मेरे जहन में
समाई है,
तेरे ही दिए जख्मो की चादर जिन पर सजाई है,
चाहती हूं इन जख्मो,इन यादो को मिटाना इस
दिल से,
वो यादे जिसने चैन तुझे और मुझे र्सिफ
बेचैनियां दी है,
गुमजाना चाहती हूं....
मेरे अल्फाज मेरे अंदाज में र्सिफ अब तकरार
बाकी है,
मेरी बेबसी मेरी नफरतो का करना बस इजहार
बाकी है,
मिटा देना चाहती हूं इन नफरतो को जहन ओ
दिमाक से,
वो नफरते जिसने तुझे जहर और मुझे र्सिफ कडवाहट
दी है,
गुमजाना चाहती हूं....
अब नही गुनगुनाते मेरे लब तन्हाईयां पाकर,
मैं सम्भल नही पाती अब भी तेरे ख्यालो मे खोकर,
मिटा देना चाहती हूं अब हर साज जिंदगी से,
वो नगमें जिसने मुझे तुझसे,और तुझे मुझसे मिलने
की जुस्तजू दी है।
गुम जाना चाहती हूं इक गुमनाम साए की तरहां
वो साया जिसने तन्हाईया तुझे और
खामोशियां मुझे दी है...
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jeet jainam
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«Reply #1 on: February 24, 2014, 09:56:57 PM »
हती हूं तेरी जिंदगी से इक गुमनाम
साये की तरहां,
वो साया जिसने तन्हाई तुझे और मुझे
खामोशियां दी है,
कर देना चाहती हूं इस किस्से को दफन यही,
वो किस्सा जिसने तोहमद तुझे और बदनामियां मुझे
दी है,
गुमजाना चाहती....
यूं तो तेरी हर याद,तेरी हर बात मेरे जहन में
समाई है,
तेरे ही दिए जख्मो की चादर जिन पर सजाई है,
चाहती हूं इन जख्मो,इन यादो को मिटाना इस
दिल से,
वो यादे जिसने चैन तुझे और मुझे र्सिफ
बेचैनियां दी है,
गुमजाना चाहती हूं....
मेरे अल्फाज मेरे अंदाज में र्सिफ अब तकरार
बाकी है,
मेरी बेबसी मेरी नफरतो का करना बस इजहार
बाकी है,
मिटा देना चाहती हूं इन नफरतो को जहन ओ
दिमाक से,
वो नफरते जिसने तुझे जहर और मुझे र्सिफ कडवाहट
दी है,
गुमजाना चाहती हूं....
अब नही गुनगुनाते मेरे लब तन्हाईयां पाकर,
मैं सम्भल नही पाती अब भी तेरे ख्यालो मे खोकर,
मिटा देना चाहती हूं अब हर साज जिंदगी से,
वो नगमें जिसने मुझे तुझसे,और तुझे मुझसे मिलने
की जुस्तजू दी है।
गुम जाना चाहती हूं इक गुमनाम साए की तरहां
वो साया जिसने तन्हाईया तुझे और
खामोशियां मुझे दी है...


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wah wah wah bohut khub keep writing
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RAJAN KONDAL
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«Reply #2 on: February 24, 2014, 10:13:36 PM »
waaaah waah bahut kahub welcome to yoindia
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Minakshi vats
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«Reply #3 on: February 25, 2014, 12:01:40 AM »
आभार राजन जी जीत जी happy9
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #4 on: February 26, 2014, 01:21:50 AM »
बहुत खूब.!!
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